भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति को लेकर भी अपना उदार रुख बरकरार रखा है। आरबीआई गर्वनर ने मार्च तक महंगाई पीक पर पहुंचने की आशंका व्यक्त की है।
भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा। एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% रहेगा। रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा। उन्होंने वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारत दुनिया के बाकी हिस्सों से उबरने के एक अलग रास्ते पर चल रहा है। आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में साल-दर-साल सबसे तेज गति से बढ़ने की ओर अग्रसर है। यह वसूली बड़े पैमाने पर टीकाकरण और निरंतर वित्तीय और मौद्रिक सहायता द्वारा समर्थित है।
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मुद्रास्फीति चालू तिमाही में बढ़ेगी लेकिन यह दायरे में रहेगी, अगले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नरम होगी। दास ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से मुद्रास्फीति का जोखिम बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि महामारी की तीसरी लहर से आर्थिक गतिविधियां कुछ प्रभावित, संपर्क से जुड़े क्षेत्रों में मांग नरम हुई।
वित्त वर्ष 2021-22 में 9.2 प्रतिशत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि अर्थव्यवस्था को महामारी से पहले के स्तर से ऊपर ले जाएगी। आरबीआई ने सीपीआई मुद्रास्फीति के वित्त वर्ष 2021-22 में 5.3% और 2022-23 में 4.5% रहने का अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने स्वास्थ्य सेवा, संपर्क आधारित क्षेत्र के लिये हमेशा सुलभ नकदी योजना का विस्तार तीन महीने के लिये किया है।
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