नई दिल्ली/मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक 05 दिसंबर से शुरू होगी। रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में होने वाली इस द्विमासिक समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) में 0.35 फीसदी इजाफा करने की संभावना है।
विशेषज्ञों के मुताबिक रिजर्व बैंक की छह सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समिति रेपो रेट में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है। आरबीआई इसके बाद भविष्य में रेपो दर में बढ़ोतरी से बच सकता है। इससे पिछली बैठक (30 सितंबर) में रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए रेपो दर में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था।
रिजर्व बैंक मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी, जून में 0.50 फीसदी और अगस्त में 0.50 फीसदी और सितंबर में 0.50 फीसदी का इजाफा कर चुका है। इस तरह चालू वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई रेपो रेट में मई से अबतक 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है। यह बढ़कर 5.90 फीसदी के स्तर पर है।
इस बीच आरबीआई का महंगाई पर नियंत्रण के प्रयास का मामूली असर दिखने लगा है। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर 6.77 फीसदी पर रही। अभी यह आरबीआई के संतोषजनक दायरे की उच्च सीमा 6 फीसदी से ऊपर है।
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