मुंबई। देश के धनकुबेर मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) का राइट्स इश्यू 20 मई को खुलेगा और 3 जून को बंद होगा। कंपनी ने नियामक संस्था प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और शेयर बाजारों को 15 मई को इसकी जानकारी भेजी है। तेल से टेलिकॉम सेक्टर तक में काम करने वाली कंपनी ने राइट्स इश्यू से 53,125 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है।

आरआईएल ने 30 अप्रैल को तिमाही परिणाम घोषित करते हुए राइट्स इश्यू का ऐलान किया था। आरआईएल के निदेशक मंडल की राइट्स इश्यू समिति की 15 मई को हुई बैठक में इसे हरी झंडी दी गई। यह देश का सबसे बड़ी रकम का राइट्स इश्यू है।

कंपनी का तीन दशकों में यह पहला राइट्स इश्यू है। आरआईएल के 15 शेयरों पर एक शेयर राइट्स इश्यू के तहत दिया जाएगा। कंपनी 10 रुपये का शेयर 1247 रुपये प्रीमियम पर कुल 1257 रुपए पर देगी।

राइट्स इश्यू की रिकॉर्ड तिथि 14 मई है। इश्यू के आवेदन के समय आवेदकों को 25 प्रतिशत राशि देनी होगी। इसमें ढाई रुपया फेस वैल्यू का और 311.75 रुपए प्रीमियम का, कुल 314.25 रुपए देना होगा। शेष 942.75 रुपए की राशि एकमुश्त या किस्तों में ली जाएगी इसका निर्णय निदेशक मंडल करेगा। शुक्रवार 15 मई को कारोबार बंद होने के समय आरआईएल के शेयर की कीमत 1453.20 रुपए थी।

क्या होता है राइट्स इश्यू
शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाती हैं। राइट्स इश्यू का मतलब है कि कंपनी अपने शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका देती है। इसके लिए शर्तें कंपनी ही तय कर ती है। यह कंपनी तय करती है कि शेयर धारक कितने शेयर पर कितने अतिरिक्त शेयर खरीद सकते हैं। यदि कंपनी यह अनुपात 1:6 तय करती है तो इसका मतलब होगा कि शेयरधारक के पास हर छह शेयर पर 1 अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका मिलेगा। राइट्स इश्यू का निवेशकों को इसलिए इंतजार होता है क्योंकि वह इसके तहत डिस्काउंट रेट पर शेयर खरीद सकते हैंं।

कंपनियां क्यों लाती हैं राइट्स इश्यू?
कंपनियां और अधिक पूंजी जुटाने के लिए राइट्स इश्यू लाती हैं। पूंजी बढ़ाने के अलावा कारोबार विस्तार या दूसरी कंपनियों को खरीदने के लिए भी राइट्स इश्यू का सहारा लिया जाता है। कई बार कंपनियां अपना ऋण कम करने के लिए भी राइट्स्स इश्यू लाती हैं।

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