नई दिल्ली, 31 अक्टूबर। आरएसएस के श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ ने केन्द्र की मोदी सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकारी क्षेत्रों के निजीकरण, निगमीकरण, विनिवेश, रणनीतिक बिक्री और मुद्रीकरण की नीति के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इसके विरोध में सेव पब्लिक सेक्टर नारे के साथ 17 नवम्बर को नई दिल्ली में बीएमएस की सार्वजनिक क्षेत्र समन्वय समिति के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें देशभर से बीएमएस और अनुषांगिक इकाइयों से जुड़े सदस्य तथा सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के लोगों का जमावड़ा होगा। इस प्रदर्शन के जरिए केन्द्र सरकार को जगाने का काम किया जाएगा।

सोमवार को नई दिल्ली ने बीएमएस के पदाधिकारियों ने इस संदर्भ में प्रेस वार्ता की। बीएमएस के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार की निजीकरण नीति आर्थिक संप्रभुता रोजगार क्षमता और आर्थिक विकास के मुख्य उद्देश्य को नुकसान पहुंचाएगी क्योंकि पीएसयू देश की मूल्यवान संपत्ति है। इसे निजी हाथों में नहीं सौंपा जाना चाहिए।

श्रमिक नेताओं ने कहा कि देश का सबसे जिम्मेदार केन्द्रीय ट्रेड यूनियन होने के नाते, बीएमएस का मानना है कि सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र सबसे मूल्यवान राष्ट्रीय संपत्ति है। भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और बेरोजगारी की समस्याओं को दूर करने के लिए इनकी स्थापना की गई थी। सरकारी/सार्वजनिक क्षेत्र भारत में सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ता रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र भारत के औद्योगिक विकास और अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्रों ने औद्योगिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया, सहायक और लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया और इसके माध्यम से निवेश भी हुआ।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने भारत के समग्र सामाजिक- आर्थिक विकास को प्राप्त करने में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोविड- 19 महामारी की अवधि के दौरान, यह सार्वजनिक क्षेत्र हैं जिसने बड़े पैमाने पर जनता को निर्बाध सेवाएं दीं। बीएमएस के नेताओं ने कहा कि सरकार को तर्कसंगत आधार पर सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण पर अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।

सरकार को सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने के बजाए इसके उत्पादों में विविधता लाकर वित्तीय सहायता के साथ नवीनतम तकनीकी तरीकों को अपनाकर उन्हें पुनर्जीवित किया जाना चाहिए।

बीएमएस के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार रेलवे, रक्षा, बंदरगाहों, डाक, सिक्कों और मुद्रा में अंधाधुंध निगमीकरण का सहारा ले रही है और कोयला ब्लॉक के व्यावसायीकरण की नीति भी तैयार की गई है। इस नीति से कर्मचारियों का पूरा समूह अत्यधिक तनाव में है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को बीएमएस के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष एवं प्रभारी सार्वजनिक क्षेत्र एस मल्लेशम ने संबोधित किया। इस दौरान गिरीश आर्य, धर्म राज, पवन कुमार, अनीश मिश्रा, दीपेंद्र चाहर आदि उपस्थित थे।

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