गुरुवार को आरएसएस के श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ ने देशव्यापी धरना प्रदर्शन के जरिए मोदी सरकार की नीतियों की जोरदार मुखालफत की। “पब्लिक सेक्टर बचाओ – देश बचाओ” के नारे के साथ यह आंदोलन हुआ। धरना प्रदर्शन के बाद स्थानीय प्रशासन को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
सार्वजनिक उपक्रमों, बीमा, बैंक, पोस्ट, डिफेंस, रेलवे, कोल, स्टील आदि सेक्टर्स की बीएमएस एवं इससे सम्बद्ध इकाइयों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया।
ज्ञापन में सार्वजनिक क्षेत्र का विनिवेश, निजीकरण, मुद्रीकरण, निगमीकरण एवं रणनीतिक बिक्री रोकने की मांग की गई। इसके अलावा एफडीआई कैप की वृद्धि रोकना, बैंक- बीमा- सार्वजनिक क्षेत्र के विलय पर रोक, कोयला क्षेत्र के व्यावसायीकरण पर रोक, सेवानिवृत कर्मचारियों के पेंशन में बदलाव, सार्वजनिक उपक्रमों का पुनरुद्धार, बीपीसीएल के विनिवेश पर रोक आदि की मांग भी रखी गई है।
इधर, दिल्ली में बीएमएस ने केंद्र सरकार के निजीकरण की नीति का विरोध करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी मांगों का एक ज्ञापन भी भेजा।
बीएमएस के अखिल भारतीय सचिव गिरीश आर्य ने कहा कि रेलवे, डिफेंस, कोल माइंनिग, पोस्टल जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी रही हैं और बीएमएस इन कंपनियों के निजीकरण के हर प्रयास का विरोध करती है और करती रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो बीएमएस सरकार के खिलाफ ठोस कदम उठाएगा।
गिरीश आर्य ने बताया कि संघ अब सरकार की कार्यवाही की प्रतीक्षा करेगा और यदि सरकार बीएमएस की मांगों को स्वीकार नहीं करती और निजीकरण की अपनी नीति पर कायम रहती है तो संघ अपने पदाधिकारियों की आगामी बैठक में सरकार के खिलाफ ठोस कदम उठाने की रणनीति तय करेगी। बीएमएस के पदाधिकारियों की अगली बैठक 12 से 14 नवंबर के बीच गुवाहाटी में होनी है।
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