नई दिल्ली। पतंजलि आयुर्वेद के मालिकाना हक वाली तेल कंपनी रुचि सोया अगले साल अपना अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) पेश करेगी। स्वामी रामदेव ने कहा कि इसका मसकद कंपनी के प्रवर्तकों की शेयरधारिता को नीचे लाना है। पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल रुचि सोया का अधिग्रहण किया था। रामदेव ने कहा कि उसके बाद से कंपनी सही तरीके से काम कर रही है और चालू वित्त वर्ष में ऊंची वृद्धि की उम्मीद है। पिछले साल पतंजलि ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया का अधिग्रहण4,350 करोड़ रुपये में किया था।

कंपनी के प्रवर्तकों की अभी कंपनी में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सूचीबद्ध कंपनी होने के नाते रुचि सोया के प्रवर्तकों को अपनी शेयरधारिता कम करनी होगी ताकि न्यूनतम 25 प्रतिशत शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के नियम का अनुपालन किया जा सके। रामदेव ने कहा, ‘‘ हम अगले साल एफपीओ लाने जा रहे हैं। यह कंपनी में हमारी शेयरधारिता को कम करेगा।’’ कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमानुसार कंपनी के प्रवर्तकों को जून 2021 तक अपनी 10 प्रतिशत शेयरधारिता कम करनी होगी और 25 प्रतिशत तक 36 महीनों के भीतर कम करनी होगी। इस संबंध में कंपनी का निदेशक मंडल प्रस्ताव मंजूर कर चुका है। हालांकि रामदेव ने प्रस्तावित एफपीओ के आकार को लेकर कोई घोषणा नहीं की।

  • Website Designing