रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से अलग हुए क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता देने के शासनादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। उन्होंने देर रात टेलीविजन पर संबोधन में इसकी घोषणा की।
राष्ट्रपति पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के दोनों क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के बाद वहां सैनिक टुकड़ियां तैनात करने का भी आदेश दिया। उन्होंने रूस के रक्षा मंत्रालय से दोनों क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल भेजने को कहा।
अमरीका और यूरोप ने उनके इस कदम की निंदा की है और नए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। हालांकि अभी तत्काल यह स्पष्ट नहीं है कि क्या रूस की सैनिक कार्रवाई को पश्चिमी देश पूरी तरह आक्रमण की शुरुआत मानेंगे।
इससे पहले पुतिन की फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ फोन पर बात हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे दोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले शासनादेश पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं।
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने पुतिन के इस निर्णय पर असंतोष व्यक्त किया। रूस ने दावा किया है कि उसके सैनिकों का जमावडा हमेशा सैन्य अभ्यास के लिए रहा है और यूक्रेन या किसी अन्य देश को इससे खतरा नहीं है, लेकिन रूस ने शीत युद्ध के बाद से अब तक यूरोप में सबसे बडे फौजी जमावड़े के बारे में कोई और स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूक्रेन से अलग हुए क्षेत्रों को रूस की मान्यता की कड़ी निंदा की है और इसे यूक्रेन की संप्रभुता तथा एकता का घोर उल्लंघन करार दिया है।
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