अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र की यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) ने स्केल रिमूवल फिल्टर से अपने प्रमुख बैकवाश पानी को जीरो लिक्विड डिस्चार्ज यूनिट बनाने के लिए रिसाईकिल करना प्रारंभ कर दिया है।
यूआरएम में हाल ही में दो अलग-अलग इकाइयों में अंडरग्राउंड पाइप लाइन बिछाई गई थी, ताकि आंतरिक संसाधनों के साथ फिल्टर से प्राइमरी सेटलिंग टैंक तक बैकवाश पानी को रिसाइकिल किया जा सके।
विश्व स्तरीय रेल बनाने वाले यूआरएम के अपने जल उपचार संयंत्र हैं जो कि री-हीटिंग फर्नेस और मिल की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न गुणवत्ता वाले पानी की आपूर्ति कर रहा है। सिस्टम की आवश्यकता के अनुसार, स्केल रिमूवल फिल्टर (एसआरएफ) और हाईडेक फिल्टर को उनके कुशल संचालन के लिए प्रत्येक शिफ्ट में नियमित रूप से साफ (बैक वॉश) किया जाता है। इन फिल्टरों का बैक वॉश वॉटर आउटलेट-बी के जरिए प्लांट के बाहर जाता है।
हाल ही में, कुछ विचार-मंथन और चर्चा के बाद, यूआरएम टीम ने इस पानी को सिस्टम में वापस लाने के लिए एक प्रक्रिया प्रारंभ करने और स्थापित करने का निर्णय लिया। डायरेक्ट कूलिंग वॉटर सर्किट (डब्ल्यूटीपी-3) का हाईडेक फिल्टर बैकवाश वॉटर जो रेन वाटर स्टॉर्म ड्रेन में जा रहा था, उसे सेकेंडरी सेटलमेंट टैंक में डायवर्ट कर दिया गया है। यह फिल्टर लाइन में उच्च अवशिष्ट दबाव के कारण संभव हो पाया। इसी तरह इनडायरेक्ट कूलिंग वॉटर सर्किट (डब्ल्यूटीपी-4) का हाईडेक फिल्टर बैकवाश वॉटर जो रेन वाटर स्टॉर्म ड्रेन में जा रहा था, उसे ओवरहेड फिलिंग सम्प में डायवर्ट कर दिया गया है। यहां से इस पानी को प्रेशर सैंड फिल्टर के जरिए फिल्टर किया जा रहा है और फिल्टर की बैकवाशिंग में उपयोग के लिए ओवरहेड टैंकों में भेजा जा रहा है।
स्केल रिमूवल फिल्टर के बैकवाश पानी की एक बड़ी मात्रा को नए सिरे से रूट करना एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि इसमें बारीक स्केल थे और अवशिष्ट दबाव बहुत मामूली था। बैक वाश वाटर का अतिरिक्त भार उठाने के लिए डब्ल्यूटीपी-1 की क्षमता का आकलन करने के लिए विस्तृत इंजीनियरिंग की गई। क्षेत्र का कंटूरिंग किया गया और सर्वेक्षण बिंदुओं को चिह्नित किया गया। विभिन्न ले-आउट का अध्ययन किया गया और न्यूनतम मोड़ और लंबाई वाले विकल्प का स्केल रिमूवल फिल्टर से डब्ल्यूटीपी-1 प्राथमिक सेटलिंग टैंक तक 80 मीटर लंबाई व 300 मिमी व्यास वाले पाइप बिछाने के लिए चुना गया। सभी 8 नग स्केल रिमूवल फिल्टर बैक वॉश आउटलेट इस पाइप से जोड़ा गया और पानी के डायवर्जन के लिए उपयुक्त स्थानों पर वाल्व लगाए गए हैं।
प्लांट के सिविल इंजीनियरिंग विभाग (सीईडी) ने कार्य के निष्पादन के लिए सभी सहायता प्रदान की, जैसे कि बहुत कम समय में जमीन की खुदाई और कंक्रीट को तोड़ना। पाइप की एक समान ढाल बनाए रखने के लिए ध्यान रखा गया और ऊर्जा के नुकसान को कम करने के लिए सभी मोड़ पर विशेष ध्यान दिया गया। यह प्रयोग सफल साबित हुआ और लगभग 80 घन मीटर प्रति घंटा पानी अब केवल गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से रिसाईकिल किया जाता है।
इस अतिरिक्त पानी ने जल उपचार संयंत्रों में मेकअप वाटर की आवश्यकता को काफी कम कर दिया है। इसके लिए, एक और माॅडीफिकेशन की आवश्यकता थी और सीधे कूलिंग वाटर के हेडर से ओवरहेड फिलिंग टैंक पाइप तक 120 मीटर लंबाई तथा 80 मिमी व्यास वाले पाइप की व्यवस्था की गई। हाईडेक फिल्टर के बाद ही इस लाइन को टैप करने का ध्यान रखा गया ताकि केवल फिल्टर और साफ पानी ही ओवरहेड टैंक में जाए। चूंकि इस हेडर लाइन का दबाव 8 किलोग्राम प्रति वर्ग सेंटीमीटर है, इसलिए बिना किसी पंप के 40 मीटर की ऊंचाई पर ओवरहेड टैंक भरना संभव था।
पहले औद्योगिक मेकअप वाटर का उपयोग ओवरहेड टैंक और बैकवाश फिल्टर भरने के लिए किया जाता था। अब इस माॅडीफिकेशन के साथ, ओवरहेड टैंक फिलिंग पंपों की आवश्यकता समाप्त हो गई है और पुनर्नवीनीकरण बैकवाश पानी सीधे ओवरहेड टैंक में भर दिया जाता है और फिर फिल्टर सफाई के लिए उपयोग किया जाता है।
यूआरएम टीम द्वारा अन्य एजेंसियों के साथ-साथ लेआउट में मामूली इंजीनियरिंग परिवर्तन शामिल करने से यूआरएम को मेकअप वाटर को बचाने में मदद मिल रही है।
इस परियोजना से प्रमुख रूप से निम्न लाभ हुए हैं
आउटलेट-बी के माध्यम से संयंत्र के बाहर जाने वाले बैक वाश पानी की प्रमुख पर्यावरणीय चिंता को स्थायी रूप से समाधान किया गया है। एसआरएफ से 80 घन मीटर प्रति घंटा बैकवाश पानी का रिसाईकिल। इस पुनर्चक्रित बैकवाश पानी को उपचारित करके और एसआरएफ-स्केल रिमूवल फिल्टर की सफाई में इसका पुनः उपयोग करके 80 घन मीटर प्रति घंटा मेकअप वाटर की जरूरत का उन्मूलन किया गया। जल शोधन चक्र से अपशिष्ट जल पुनर्प्राप्ति प्रणाली को समाप्त किया गया। तीन अपशिष्ट जल पंपों का संचालन और रखरखाव समाप्त हो गया है। पंपों के माध्यम से ओवरहेड टैंक फिलिंग सिस्टम को हटा दिया गया। तीन ओवर हेड टैंक फिलिंग पंपों का संचालन और रखरखाव समाप्त हो गया है। पीएसएफ के दो नंबर-प्रेशर सैंड फिल्टर और दो नंबर ब्लोअर का उपयोग भी आवश्यक नहीं है। रखरखाव में नियमित बचत। डब्ल्यूटीपी-1 की मौजूदा पंपिंग सुविधा का ही उपयोग किया जाता है और पुनर्चक्रण उद्देश्य के लिए कोई अतिरिक्त पंप स्थापित नहीं किया जाता है। इस प्रकार न केवल बिजली और पानी की बचत होती है बल्कि साथ ही स्पेयर पार्ट्स के मामले में भी बचत होती है। इस माॅडीफिकेशन के परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 1.5 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत होगी।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेषक (परियोजना), श्री ए के भट्टा ने यूआरएम के मुख्य महाप्रबंधक अनीश सेनगुप्ता एवं महाप्रबंधक संजय कुमार तथा यूआरएम की संपूर्ण टीम के साथ-साथ सीईडी व ईएमडी तथा परियोजना विभाग की टीम को इस महत्वपूर्ण पर्यावरणीय परियोजना के स्थापना व संचालन हेतु बधाई दी है।
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