SAIL के लौह अयस्क खदानों को दीर्धकालिक खनन के लिए 5-स्टार रेटेड पुरस्कार मिले

सेल अपनी कैप्टिव लौह खदानों के माध्यम से अपनी लौह अयस्क की आवश्यकताओं को पूरा करता है और यह देश की दूसरी सबसे बड़ी लौह अयस्क खान भी है।

इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) की दो लौह अयस्क खानों, किरीबुरू लौह अयस्क खान और मेघाहातुबुरू लौह अयस्क खान को नई दिल्ली में कल आयोजित किए गए पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन में लौह अयस्क श्रेणी में दीर्धकालिक खनन और सर्वांगीण प्रदर्शन करने के लिए 5-स्टार रेटेड पुरस्कार प्राप्त हुए।

केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री, प्रहलाद जोशी ने एक भव्य पुरस्कार समारोह में सेल की अध्यक्ष, श्रीमती सोमा मंडल को पुरस्कार प्रदान किया। इस पुरस्कार प्राप्ति के दौरान, सेल की अध्यक्ष के साथ कमलेश राय, मुख्य महाप्रबंधक, किरीबुरू लौह अयस्क खान और मेघाहातुबुरू लौह अयस्क खान के मुख्य महाप्रबंधक, आरपी सेल्वम भी उपस्थित हुए।

सेल के किरीबुरू लौह अयस्क खानों को वर्ष 2017-18 और 2018-19 के लिए सम्मानित किया गया था जबकि मेघाहातुबुरू लौह अयस्क खानों को वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए सम्मानित किया गया। सेल की ये दोनों लौह अयस्क खानें, झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस, बोकारो स्टील प्लांट के अधीन आते हैं।

सेल अपनी कैप्टिव लौह खदानों के माध्यम से अपनी लौह अयस्क की आवश्यकताओं को पूरा करता है और यह देश की दूसरी सबसे बड़ी लौह अयस्क खान भी है। यह कंपनी झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में विभिन्न लौह खदानों का संचालन भी करती है।

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