नई दिल्ली, 01 अगस्त। तमिलनाडु काडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी संजय अरोड़ा ने आज दिल्ली पुलिस आयुक्त का कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने राकेश अस्थाना का स्थान लिया है, जो कल सेवानिवृत्त हो गये। इससे पहले संजय अरोड़ा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशक के पर पर काम कर चुके हैं।
अरोड़ा तमिलनाडु पुलिस के विशेष कार्य बल का हिस्सा थे जिसने खूंखार वीरप्पन को मार गिराया था। चन्दन तस्कर वीरप्पन को पकड़ने तमिल नाडु के अलावा कर्नाटक और केरल की पुलिस भी लगी थी। पुरे ऑपरेशन की रणनीति आईपीएस के विजय कुमार ने बनाई थी।
वीरप्पन को मरने वाली तमिलनाडु एसटीएफ के वे पुलिस अधीक्षक थे। उन्हें बहादुरी के लिए मुख्यमंत्री के वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। उन्होंने 2002 और 2004 के बीच कोयंबटूर के पुलिस आयुक्त के रूप में कार्य किया। अरोड़ा गुजरात- कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना से कार्यभार लिया।
57 वर्षीय अरोड़ा दिल्ली पुलिस का नेतृत्व करने वाले लगातार दूसरे गैर- एजीएमयूटी- कैडर आईपीएस अधिकारी हैं और 1978 में दिल्ली पुलिस अधिनियम पारित होने और आयुक्त प्रणाली की स्थापना के बाद से तीसरे हैं। दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करती है ।
1988 बैच के आईपीएस अधिकारी अगले आदेश तक पद पर बने रहेंगे। वह 2025 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अरोड़ा को पिछले साल अगस्त में अर्धसैनिक भारत- तिब्बत सीमा पुलिस का महानिदेशक नियुक्त किया गया था। वह सीआरपीएफ और बीएसएफ में भी रह चुके हैं। अरोड़ा के पास इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री है।
अधिकारियों ने बताया कि अरोड़ा ने लिट्टे के उदय के दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को कवर प्रदान करने के लिए विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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