नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने रिटेल उधारकर्ताओं के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया है। ये पोर्टल उन लोन लेने वालों के लिए है जो कोरोनोवायरस महामारी के चलते मासिक किस्त (ईएमआई) चुकाने में राहत की मांग कर रहे हैं। पोर्टल लॉन्च करने के अलावा बैंक ने उधारकर्ताओं के सवालों का जवाब देने के लिए पूछे जाने वाले प्रश्नों का एक सेट (FAQ) भी जारी किया है, जो लोन पुनर्गठन के लिए कौन पात्र है और इसकी क्या प्रोसेस होगी से होगी से जुड़ा हुआ है। नियमों के मुताबिक कोई भी अतिरिक्त अधिस्थगन अधिकतम दो साल के लिए हो सकता है। इस स्कीम के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 24 दिसंबर 2020 है। दूसरी बात कि 1 मार्च 2020 के बाद लिए गए लोन पर इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। आइए जानते हैं बाकी सवालों के जवाब।
किस कंडीशन पर मिलेगी राहत बता दें कि इस स्कीम का उद्देश्य महामारी से प्रभावित कर्जदारों को राहत देना है। मगर आपको कुछ शर्तों में से किसी एक को पूरा करना होगा। जैसे कि जिन लोगों की सैलेरी फरवरी के मुकाबले अगस्त में घटी है उन्हें लोन पुनर्गठन स्कीम का लाभ मिलेगा। इसी तरह सैलेरी न मिलने, जॉब चली जाने, बिजनेस बंद होने या लॉकडाउन में कारोबार प्रभावित होने पर भी बेनेफिट मिलेगा। इस स्कीम का फायदा हाउसिंग, एजुकेशन, ऑटो और पर्सनल लोन पर मिल सकता है। ध्यान रहे कि इस स्कीम का फायदा बताई गई कंडीशन में से एक को पूरा करने और स्टैंडर्ड लोन अकाउंट वालों को ही मिलेगा।
कैसे करें आवेदन आप बैंक की वेबसाइट (www.sbi.co.in) पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन एक ओटीपी के माध्यम से वैलिड होगा जो आपको अपने मोबाइल नंबर पर आएगा। वैकल्पिक रूप से आप बैंक ब्रांच जाकर भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आपको फरवरी से अगस्त तक की सैलेरी स्लिप की कॉपी, जॉब से डिस्चार्ज होने का लेटर या कोरोना से प्रभावित कारोबार की घोषणा करनी होगी। एक बार आवेदन स्वीकार होने पर आपको लोन मोरेटोरियम अवधि के लिए ईएमआई नहीं देनी होगी। मगर ध्यान रहे कि इस अवधि के लिए आपसे ब्याज वसूला जाएगा।
कितना मिलेगा अतिरिक्त समय यह अलग अलग प्रोडक्ट के लिए विभिन्न होगा। उदाहरण के लिए होम लोन के मामले में ऋण की अवधि अधिकतम 24 महीने तक बढ़ाई जा सकती है या जब तक उधारकर्ता 77 वर्ष की आयु प्राप्त नहीं कर लेता, जो भी पहले हो। किसी भी स्थिति में लोन की अवधि कोरोना संबंधित तनाव के लिए इस ढांचे के तहत अधिकतम 24 महीने तक ही बढ़ाई जा सकती है। एक बात और दी गई मोहलत की वजह से आपके ऋण की अवधि को बढ़ा दिया जाएगा, जिससे अधिस्थगन के बाद ईएमआई में इजाफा होगा।