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भारतीय पूंजी बाजार नियामक (SEBI) ने अमेरिकी ‘शॉर्ट सेलर’ और निवेश शोध कंपनी हिंडनबर्ग (Hindenburg) रिसर्च को अडानी समूह के शेयरों पर दांव लगाने में कथित उल्लंघन को लेकर किए दावों को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। ‘हिंडनबर्ग’ ने अडानी समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। अमेरिकी कंपनी ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उसे कारण बताओ नोटिस भेजा है। उसने इस नोटिस को “बेतुका” और “पूर्व-निर्धारित उद्देश्य की पूर्ति के लिए गढ़ा गया” बताया।

उसने कहा कि यह “भारत में सबसे शक्तिशाली लोगों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने तथा डराने का प्रयास है।” अमेरिकी कंपनी ने कहा कि कारण बताओ नोटिस से कुछ प्रश्नों का समाधान हो गया है, “क्या हिंडनबर्ग ने अडानी को नुकसान पहुंचाने के लिए दर्जनों कंपनियों के साथ काम किया, जिससे करोड़ों डॉलर कमाए? नहीं… हमारे पास एक निवेशक साझेदार था और लागतों के बाद हम शायद ही अडानी ‘शॉर्ट’ पर ‘ब्रेक-ईवन’ से ऊपर आ पाएं।”

इसमें कहा गया, “अडानी पर हमारा काम वित्तीय या व्यक्तिगत सुरक्षा के नजरिए से कभी भी उचित नहीं था, लेकिन यह अब तक का वह काम है जिस पर हमें सबसे अधिक गर्व है।” हिंडनबर्ग ने कहा कि उसे 27 जून को सेबी से एक ईमेल मिला तथा बाद में एक कारण बताओ नोटिस भेजा गया जिसमें भारतीय नियमों के संदिग्ध उल्लंघन का उल्लेख था। कंपनी ने कहा, ” आज तक अडानी (समूह) हमारी रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का जवाब देने में विफल रहा है। इसके बजाय उन्होंने हमारे द्वारा उठाए गए हर प्रमुख मुद्दे को नजरअंदाज करते हुए जवाब दिया और बाद में मीडिया में लगाए गए आरोपों का पूरी तरह खंडन किया है।’

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