बिलासपुर, 03 जनवरी। कोल इंडिया की सबसे बड़ी अनुषांगिक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) ने कोयला प्रेषण में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।
चालू वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही (अप्रेल- दिसम्बर) में एसईसीएल द्वारा 14.5 मिलियन टन कोयला प्रेषण किया गया, जो कि बीते वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। 2020 में समान अवधि में 12.7 मिलियन टन कोयला डिस्पैच किया गया था।
चालू वित्तीय के नौ माह (अप्रेल- दिसम्बर) की अवधि में 113.3 मिलियन टन कोयला डिस्पैच हुआ। बीते वर्ष के मुकाबले यह आंकड़ा 15.1 फीसदी अधिक है। गत वर्ष समान अवधि में 98.4 मिलियन टन कोयला प्रेषण किया गया था।
तीसरी तिमाही में कोयला उत्पादन महज 1.2 प्रतिशत ही अधिक हो सका है। तीसरी तिमाही में 14.2 मिलियन टन कोयला उत्पादन दर्ज किया गया। वित्तीय वर्ष के अप्रेल से दिसम्बर तक नौ माह की अवधि में कुल 91.8 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ। बीते वर्ष उत्पादन का यह आंकड़ा 90.7 मिलयिन टन पर था। यानी उत्पादन में 1.22 प्रतिशत की वृद्धि हो सकी।
यहां बताना होगा कि कोल इंडिया ने चालू वित्तीय वर्ष के नौ माह में 5.3 प्रतिशत अधिक यानी 413.6 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है। 2020 में उत्पादन का आंकड़ा 392.8 मिलियन टन पर था।
सीआईएल ने कोयला डिस्पैच में 17.6 फीसदी की वृद्धि हासिल की है। अप्रेल से दिसम्बर तक की अवधि में 481.6 मिलियन टन कोयला प्रेषण किया गया। बीते वर्ष 409.6 मिलियन टन कोयला डिस्पैच किया गया था।
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