बिलासपुर, 31 मई। मंगलवार को एसईसीएल सीएमडी डा. प्रेम सागर मिश्रा ने बैकुंठपुर एरिया में दस्तक दी। निरीक्षण की शुरुआत चरचा आरओ वेस्ट माइन से की जहां उन्होंने माइन प्लान को देखा तथा उत्पादकता अभिवृद्धि से सम्बंधित बिंदुओं पर चर्चा की। इसके बाद चरचा ईस्ट पहुंचकर कटघोरी शाफ़्ट को देखा तथा उपयोगी टिप्स दिए।
चरचा सीएचपी के निरीक्षण के दौरान ई एंड एम की टीम को निर्देश देते हुए डॉ मिश्रा ने कहा कि वे मशीनरी और व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए योजना बनाएं।
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कटकोना 3/4 एरिया की बंद खदान है। सीएमडी डॉ मिश्रा ने माइन प्लान व प्रोजेक्ट रिपोर्ट के ज़रिए उपलब्ध रिज़र्व, खदान की दिशा, तकनीक आदि का अध्ययन किया तथा इसे पुनः चालू करने के लिए समयबद्ध तरीक़े से कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
कटोरा सादडिंग में स्टॉक संचय की व्यवस्था का अवलोकन करते हुए उन्होंने मानसून की तैयारी पूरी कर लेने को कहा जिससे कि यहां जल जमाव ना हो।
इसके बाद सीएमडी व उनकी टीम झिलमिली माईन पहुंची। यहां माइन प्लान, बेल्ट स्ट्रक्चर का निरीक्षण किया गया।
पाण्डवपारा यूजी में माइन प्लान देखते हुए उन्होंने वर्किंग डिस्टेंस को कम करने का सुझाव दिया। स्ट्राटा व वर्किंग के विषय में माइन टीम से जानकारी ली।
पूरे विज़िट के दौरान उनका ज़ोर व्यवस्थागत सुधार ( (systemic improvement)) पर था तथा इसके लिए उन्होंने सभी के सुझावों को बड़े ध्यान से सुना।
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खदानों का दौरा करने के पूर्व बैकुंठपुर एरिया पहुंचने पर सीएमडी डॉ मिश्रा ने क्षेत्र के कोर टीम के साथ बैठक की। खदानों के निरीक्षण के उपरांत वे एरिया जेसीसी सदस्यों से मिले तथा देर शाम वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
चलू वित्तीय वर्ष में बैकुंठपुर क्षेत्र को 2.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है।
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