बिलासपुर, 01 जुलाई। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में कोयला उत्पादन और प्रेषण का लक्ष्य पूरा करने में पिछड़ गई है। निर्धारित टारगेट 42.86 मिलियन टन के मुकाबले 35.69 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जा सका है। पहली तिमाही में कोल डिस्पैच का लक्ष्य 43.37 मिलियन टन था। इसके मुकाबले 39.42 मिलियन टन डिस्पैच दर्ज हुआ।

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एसईसीएल के तीनों मेगा प्रोजेक्ट गेवरा, दीपका और कुसमुंडा पहली तिमाही में उत्पादन लक्ष्य से पीछड़े हैं। गेवरा खदान से 11.96 मिलियन टन उत्पादन हुआ। जबकि टारगेट 12.91 मिलियन टन था। दीपका से 8.33 एमटी लक्ष्य के मुकाबले 6.05 मिलियन टन उत्पादन किया जा सका है। कुसमुंडा परियोजना से 8.24 मिलियन टन प्रोडक्शन हुआ है। यहां लक्ष्य 10.14 मिलियन टन था।

यहां बताना होगा कि एसईसीएल को चालू वित्तीय वर्ष मेंं 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है। कोल डिस्पैच का टारगेट भी 182 मिलियन टन है। इधर, एसईसीएल प्रबंधन ने अबकी बार 200 (200 एमटी) पार का नारा बुलंद किया है।

पहली तिमाही का खराब प्रदर्शन यह बता रहा है कि 182 मिलियन टन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए खासी मशक्कत करनी होगी। दूसरी तिमाही में भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है, क्योंकि यह तिमाही बारिश के सीजन वाली है। बारिश के सीजन में उत्पादन प्रभावित होता है।

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एसईसीएल कोयला उत्पादन के मामले में वित्तीय वर्ष 2020-21 तक सबसे बड़ी कंपनी रही है, लेकिन 2021-22 में एमसीएल ने एसईसीएल से नम्बर एक का तमगा छीन लिया।

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