बिलासपुर, 26 मार्च। केन्द्रीय सहित 12 श्रमिक संगठनों द्वारा 15 सूत्रीय मांगों को लेकर 28 एवं 29 मार्च को बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल की कोल सेक्टर में भी जबरदस्त तैयारी चल रही है। कोल इंडिया की अनुषांगिक कपंनियों में कन्वेंशन, बैठकों के माध्यम से हड़ताल को लेकर वातावरण तैयार किया जा रहा है।
इधर, सीआईएल की अनुषांगिक कपंनियों का प्रबंधन हड़ताल न हो इसके प्रयास में जुट गया है। इसी को लेकर एसईसीएल प्रबंधन ने 25 मार्च को बिलासपुर भवन के सभागार में स्टीयरिंग कमेटी की बैठक बुलाई थी। इसमें श्रमिग संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए।
स्टीयरिंग कमेटी के चेयरमैन एसईसीएल के सीएमडी डा. प्रेम सागर मिश्रा, निदेशक तकनीकी (संचालन एवं कार्मिक) मनोज कुमार प्रसाद, निदेशक (वित्त) एसएम चौधरी, निदेशक (योजना परियोजना) एसके पाल, महाप्रबंधक (कार्मिक एवं प्रशासनिक) एके सक्सेना, महाप्रबंधक (खान एवं रेस्क्यू ) बीपी सिंह, सीएमएस तथा ट्रेड यूनियन की ओर से एचएमएस के महामंत्री नाथू लाल पांडेय, एटक के महामंत्री कामरेड हरिद्वार सिंह, बीएमएस के नेता मोहम्मद मजरूल हक, सीटू के महामंत्री बीएम मनोहर, एसईकेएमसी के महामंत्री गोपाल नारायण सिंह बैठक में मौजूद थे।
एसईसीएल प्रबंधन ने ट्रेड यूनियन के नेताओं से 28 व 29 मार्च की प्रस्तावित हड़ताल नहीं करने अनुरोध किया गया। कहा गया कि हड़ताल से उत्पादन प्रभावित हो सकता है। देश में इस वक्त कोयले की महती आवश्यकता है।
बीएमएस को छोड़ शेष यूनियन के श्रमिक नेताओं ने परिस्थितियों का जिक्र किया जिसके कारण देश में हड़ताल की स्थिति बनी है। कहा गया कि 160 कोयला खानों को 28,743 करोड़ में सरकार द्वारा निजी मालिकों को बेचना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कोल सेक्टर के और भी कई बिंदुओं की ओर ध्यान दिलाया गया।
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