कुसमुंडा माइंस का निरीक्षण करते एसईसीएल के अधिकारी, फाइल फोटो

कोरबा, 02 नवम्बर। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) का मेगा प्रोजेक्ट कुसमुंडा (Mega Project Kusmunda) उत्पादन में लड़खड़ा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष के सात माह गुजर जाने के बाद भी नेगेटिव ग्रोथ (Negative Growth) बना हुआ है।

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चालू वित्तीय वर्ष के पहले सात माह (अप्रेल- अक्टूबर) में कुसमुंडा खदान से 13.22 मिलियन टन (MT) ही कोयला उत्पादन हो सका है। जबकि इस अवधि के लिए 24.79 मिलियन टन का लक्ष्य था। अक्टूबर में 1.64 मिलियन टन का उत्पादन हो सका। कुसमुंडा खदान के समक्ष चालू वित्तीय वर्ष के लिए 52 मिलियन टन का टारगेट है।

इधर, एसईसीएल के दूसरे मेगा प्रोजेक्ट्स गेवरा एवं दीपका का उत्पादन ग्रोथ कुसमुंडा के मुकाबले कुछ बेहतर है। अप्रेल से अक्टूबर तक की स्थिति में गेवरा माइंस (Gevra Mines) से 30.22 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले 27.01 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया गया है। अक्टूबर में गेवरा से 4.33 मिलियन टन का उत्पादन हुआ। गेवरा का सालाना लक्ष्य 63 मिलियन टन है।

दीपका खदान (Dipka Mines) से पहले सात माह में 16.17 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया गया। लक्ष्य 19.07 मिलियन टन का था। अक्टूबर में दीपका माइंस ने 2.89 के मुकाबले 2.02 मिलियन टन उत्पादन हुआ। दीपका के समक्ष चालू वित्तीय वर्ष के लिए 40 मिलियन टन का लक्ष्य है।

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चालू वित्तीय वर्ष के पहले सात माह में एसईसीएल ने 83.9 मिलियन टन कोयला उत्पादन दर्ज किया। इस अवधि के लिए 98.2 मिलियन टन लक्ष्य निर्धारित था। एसईसीएल वित्तीय वर्ष 2024- 25 के लिए 206 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है।

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