कोरबा, 15 जनवरी। बुधवार को साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे (SECR) के महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने एसईसीएल (SECL) के कोरबा कोलफील्ड्स का दौरा किया।
श्री प्रकाश ने कुसमुंडा, गेवरा और दीपका में साइलो का अवलोकन किया और कोरबा कोलफील्ड्स में लोडिंग पॉइंट्स पर रेलवे के सभी विकासात्मक बुनियादी ढांचे पर चर्चा की। इसके बाद रेलवे टीम ने गेवरा खदान का भी दौरा किया।
गेवरा हाउस के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक बैठक हुई जिसमें एसईसीएल गेवरा एजीएम एसके मोहंती, एजीएम कुसमुंडा राजीव सिंह, एजीएम दीपका एसके मिश्रा और जीएम एमएंडएस टीएस बेहरा के साथ क्षेत्र के अन्य शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
बैठक के दौरान पिछले पांच वर्षों में किए गए उत्पादन और प्रेषण से संबंधित आंकड़े दिखाए गए, जिसमें रेलवे की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है। इस अवसर पर बोलते हुए जीएम एमएंडएस ने क्षेत्र में सड़क मार्ग से कोयले के प्रेषण की सीमाओं के मद्देनजर रेलवे को वर्तमान 40 प्रतिशत के स्तर से कोयला प्रेषण में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर दिया।
एसईसीएल की विकास क्षमता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि एसईसीएल का प्रेषण स्तर वर्ष 2034- 35 तक वर्तमान 180- 190 मिलियन टन से बढ़कर 300 मिलियन टन हो सकता है। सीआईसी के संबंध में प्रेषण को वर्तमान 22- 23 मिलियन टन के स्तर से बढ़ाकर 34- 35 मिलियन टन करने पर विशेष जोर दिया गया।
उन्होंने एसईसीआर से उत्पादन में वृद्धि के अनुरूप पर्याप्त संख्या में रेक की आपूर्ति के लिए रेक योजना को संरेखित करने का अनुरोध किया। वर्तमान में एसईसीआर 64 रेक प्रतिदिन की आवश्यकता के मुकाबले 51-52 रेक प्रतिदिन आपूर्ति कर रहा है।
जीएम एम एंड एस ने रेलवे रेक और बुनियादी ढांचे पर फोकस करने की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। ताकि कोयले का उत्पादन और प्रेषण में और गति आए।