केन्द्र ने राज्यों से कहा है कि वे केन्द्रीय बिजली उत्पादन संयंत्रों की गैर-आवंटित बिजली का उपयोग केवल अपने उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए करें।
बिजली मंत्रालय के ध्यान में लाया गया है कि कुछ राज्य उपभोक्ताओं की जरूरत के अनुरूप बिजली की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं और बार बार लोड शैडिंग कर रहे हैं। वे उच्च दामों पर बिजली दूसरे राज्यों को भी बेच रहे हैं। बिजली मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि केन्द्रीय बिजली उत्पादन संयंत्रों की 15 प्रतिशत बिजली गैर-आवंटित रहती है, जिसे केन्द्र सरकार राज्यों के उपभोक्ताओं की जरूरत के अनुसार आवंटन करती है।
मंत्रालय ने कहा है कि बिजली आपूर्ति करने वाली कम्पनियों की जिम्मेदारी है कि वे सबसे पहले अपने उपभोक्ताओं के लिए बिजली की आपूर्ति करें। वितरण कम्पनियों को आपस में बिजली बेचनी नहीं चाहिए।
यदि किसी राज्य के पास जरूरत से अधिक बिजली है तो वह इसकी सूचना भारत सरकार को देंगे ताकि उस बिजली का आवंटन जरूरतमंद राज्यों को किया जा सके।
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