BMS K Lakshma Reddy
BMS K Lakshma Reddy

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। भारतीय मजदूर संघ (BMS) के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी (K. Lakshma Reddy) के खिलाफ संगठन के लोगों ने ही मोर्चा खोल दिया है। रेड्डी पर कोयला कामगारों के बीच बीएमएस की छवि खराब करने का गंभीर आरोप लगाया गया है।

बीएमएस से सम्बद्ध सेवानिवृत्त कोयला खदान मजदूर संघ, बीसीसीएल जोन के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह महामंत्री बिन्देश्वरी प्रसाद ने भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं महामंत्री को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि 30 सितम्बर, 2024 को आयोजित हुई कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPFO) के ट्रस्टी बोर्ड की महत्तवपूर्ण बैठक में इसके सदस्य के. लक्ष्मा रेड्डी एवं आशीष कुमार मूर्ति सम्मिलित नहीं हुए थे। यह बैठक पेंशन फंड को स्थिरता प्रदान करने को लेकर थी।

बिन्देश्वरी प्रसाद ने कहा कि ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य के तौर लक्ष्मा रेड्डी और आशीष कुमार मूर्ति के इस बैठक में शामिल नहीं होने से कोयला उद्योग के तमाम सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बीच बीएमएस की एक नकारात्मक छवि बनी है। रेड्डी और मूर्ति का यह निर्णय सेवानिवृत कर्मचारियों के प्रति नकारात्मक भाव प्रकट करता है। श्री प्रसाद ने रेड्डी और मूर्ति को सीएमपीएफओे के ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य से हटाने की मांग रखी है।

सेवानिवृत्त कोयला खदान मजदूर संघ के नेता ने कहा कि कोयला उद्योग से सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशनभोगियों के लिए पेंशन की क्या अहमियत है, यह सेवानिवृत्त कोयला कर्मचारीगण ही समझ सकते हैं।

कोयला उद्योग में पहले पेंशन नहीं थी। इसे लागू कराने में तत्कालीन बीएमस नेता एवं कोयला महासंघ के महामंत्री टीसी जुमड़े, बनारसी सिंह आजाद, इंटक के राम नारायण शर्मा, एसके राय एवं एचएमएस के जयंतो पोद्दार की अहम भूमिका रही है। यह स्कीम सीएमपीएस 1998, जो कोयला उद्योग में 1994 से लागू है।

समय- समय पर ट्रस्टी बोर्ड की बैठक होती है, जिसमें पेंशन एवं सीएमपीएफ को लेकर चर्चा की जाती है तथा निर्णय लिए जाते हैं। 1998 के बाद एक बार भी पेंशन का रिवीजन नहीं हुआ है। पेंशन रिवीजन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सभी स्तर के कर्मचारियों की पेंशन में वृद्धि होनी चाहिए। ऐसा सीएमपीएस 1998 के प्रावधान में भी है।

वर्तमान में सीएमपीएस 1998 के तहत कर्मचारियों द्वारा 7 प्रतिशत और प्रबंधन द्वारा 7 प्रतिशत की राशि कटौती कर ट्रस्ट फंड में जमा की जाती है। कोल इंडिया प्रबंधन द्वारा 10 रुपए प्रति टन के हिसाब से पेंशन फंड में जमा किया है। पेंशनभोगियों की सख्या करीब 6 लाख से अधिक की है।

इसलिए नहीं हुए थे सम्मिलित

30 सितम्बर को पेंशन फंड को स्थिरता प्रदान करने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुई थी। यह बैठक कोयला खान भविष्य निधि संगठन ने बुलाई थी। उच्च स्तरीय समिति का गठन सीएमपीएफओ के न्यासी परिषद ने किया है। इस महत्वपूर्ण बैठक में बीएमएस से सदस्य के. लक्ष्मा रेड्डी और आशीष कुमार मूर्ति की नहीं आने वजह सीटिंग व्यवस्था रही है।

दरअसल सीएमपीएफओ के गजट के अुनसार बीएमएस के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी चौथे नम्बर पर हैं। लिहाजा जब भी बैठक होती है तो गजट के अनुसार ही प्रबंधन बैठक व्यवस्था करता है।

बताया गया है कि श्री रेड्डी को चौथे नम्बर पर बैठना गवारा नहीं है। वे पहले नम्बर पर बैठना चाहते हैं। इसके पहले भी रेड्डी कई बैठकों में सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर रूठ चुके हैं। 29 जुलाई को कोयला मंत्री द्वारा बुलाई गई मीटिंग कम डिनर में ऐसा हुआ था। यहां रेड्डी जी पहुंचे जरूर, लेकिन कुछ देर इधर उधर टहल कर चले गए। सवाल उठा कि क्या बीएमएस नेताओें के लिए पेंशन फंड की स्थिरता का मुद्दा महत्वपूर्ण है या सीटिंग व्यवस्था।

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