कांग्रेस की अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कई प्रमुख राज्यों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ BJP की अगुवाई वाली NDA सरकार के खिलाफ एक साझा रणनीति तैयार करने के मद्देनजर 19 विपक्षी दलों के नेताओं के साथ एक वर्चुअल बैठक की।
बैठक में कांग्रेस के अलावा 18 विपक्षी दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें 4 राज्यों के मुख्यमंत्री- ममता बनर्जी (बंगाल), एमके स्टालिन (तमिलनाडु), उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र) और हेमंत सोरेन (झारखंड) भी शामिल थे।
सोनिया गांधी ने विपक्षी पार्टियों से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट होने आह्वान किया और कहा कि देश के संवैधानिक प्रावधानों और स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों में विश्वास रखने वाली सरकार के गठन के लिए विपक्ष की पार्टियों को अपनी विवशताओं से ऊपर उठना होगा।
उन्होंने कहा कि इस समय विपक्षी दलों की एकजुटता राष्ट्रहित की मांग है और कांग्रेस इसके लिए अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखेगी।
2024 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने विपक्षी दलों से अपील करते हुए कहा कि देश को स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और सिद्धांतों और प्रावधानों में विश्वास करने वाली सरकार देने के उद्देश्य से व्यवस्थित रूप से योजना बनाने का कार्य शुरू करना होगा।
पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि निश्चित तौर पर (हमारा) लक्ष्य 2024 का लोकसभा चुनाव है। हमें देश को एक ऐसी सरकार देने के उद्देश्य के साथ व्यवस्थिति ढंग से योजना बनाने की शुरुआत करनी है कि जो स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्यों और संविधान के सिद्धांतों और प्रावधानों में विश्वास करती हो।
कांग्रेस अध्यक्ष ने विपक्षी दलों को आह्वान किया कि यह एक चुनौती है लेकिन हम साथ मिलकर इससे पार पा सकते हैं और अवश्य पाएंगे क्योंकि मिलकर काम करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सभी की अपनी मजबूरियां हैं, लेकिन अब समय आ गया है जब राष्ट्र हित यह मांग करता है कि हम इन विवशताओं से ऊपर उठें।
सोनिया गांधी ने 19 विपक्षी दलों के नेताओं की डिजिटल बैठक में संसद के हालिया मॉनसून सत्र के दौरान दिखी विपक्षी एकजुटता का उल्लेख किया और कहा कि मुझे भरोसा है कि यह विपक्षी एकजुटता संसद के आगे के सत्रों में भी बनी रहेगी। लेकिन व्यापक राजनीतिक लड़ाई संसद से बाहर लड़ी जानी है।