नई दिल्ली: त्योहारी सीजन से पहले सरकार ने सोमवार (12 अक्टूबर) को देश में डिमांड और उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम (Special Festival Advance Scheme) के तहत अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को एकमुश्त 10,000 रुपए के ब्याज मुक्त फेस्टिवल एडवांस देने घोषणा की। सीतारमण ने कहा कि छठे वेतन आयोग से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को त्योहार के लिए एडवांस देने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी।
उन्होंने कहा कि एकमुश्त उपाय के तहत सरकार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 10,000 रुपए का ब्याज मुक्त एडवांस देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि 10,000 रुपए का यह अग्रिम प्री-पेड रुपे कार्ड के रूप में होगा। इसे 31 मार्च, 2021 तक खर्च करना होगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को इस एडवांस का भुगतान 10 किस्तों में करना होगा। इस पर सरकार 4,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
स्पेशल फेस्टिवल एडवांस (Special Festival Advance Scheme) के बारे में मुख्य बातेंः-
- 10,000 रुपए का एडवांस प्री-पेड RuPay कार्ड के रूप में आएगा, जिसका लाभ उठाया जा सकता है और उसे 31 मार्च, 2021 तक खर्च करना होगा।
- 10,000 रुपए की ब्याज मुक्त एडवांस अधिकतम 10 किश्तों में चुकाना होगा।
- सरकार को इस योजना पर 4,000 करोड़ रुपए खर्च करने की उम्मीद है। यदि राज्य सरकारों द्वारा दिया जाता है, तो 8000 करोड़ रुपये का एक और वितरण किया जा सकता है। राज्यों द्वारा 50% एडोप्शन का अनुमान 4,000 करोड़ रुपए है।
- सरकारी कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस 31 जनवरी 2021 तक बहाल करने की सिफारिश की गई है।
- इस योजना से उपभोक्ता डिमांड 8,000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।
यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि अर्थव्यवस्था में मांग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने इस साल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को छुट्टी यात्रा रियायत (LTC) के बदले एलटीसी कैश वाउचर देने की भी घोषणा की। ये वाउचर केवल गैर-खाद्य जीएसटी-रेटेड वस्तुओं को खरीदने पर खर्च किए जा सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर्मचारी उन वस्तुओं को खरीद सकते हैं जो 12% या अधिक माल और सेवा कर (GST) को आकर्षित करती हैं। इन खरीद को जीएसटी-रजिस्टर्ड आउटलेट्स से डिजिटल मोड में करना होगा। 2018-21 के दौरान LTC के एवज में, लीव इनकैशमेंट पर पूर्ण भुगतान किया जाएगा और पात्रता की कटैगरी के आधार पर 3 फ्लैट-दर वाले स्लैब में किराया का भुगतान किया जाएगा। किराया भुगतान टैक्स फ्री होगा।