खेल मंत्रालय (Sports Ministry) ने कई प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation of India) को निलंबित कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, खेल मंत्रालय ने महासंघ के नये अध्यक्ष संजय सिंह को कुश्ती की अंडर-15 और अंडर-20 आयु वर्ग की राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित करने की घोषणा के बाद निलंबित कर दिया।
भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष चुने जाने के बाद संजय सिंह ने अंडर-15 और अंडर-20 आयुवर्ग के लिए राष्ट्रीय प्रतियोगिता उत्तर प्रदेश के गोंडा में आयोजित कराने की घोषणा की थी। सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने कहा कि ये घोषणा जल्दबाजी में की गई और प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पहलवानों को इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। साथ ही, भारतीय कुश्ती महासंघ के संविधान के प्रावधानों का पालन भी नहीं किया गया। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे निर्णय महासंघ की कार्यकारी समिति लेती है जिसके समक्ष इस प्रकार का एजेंडा विचार के लिए रखा जाना आवश्यक होता है।
मंत्रालय ने कहा कि नवनिर्वाचित महासंघ ने खेल संहिता की पूरी तरह अनदेखी की है और ऐसा प्रतीत होता है कि वह पूर्व पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में है। मंत्रालय ने कहा कि महासंघ का कामकाज पूर्व पदाधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसर से चलाया जा रहा है। मंत्रालय ने कहा इसी परिसर में ही खिलाडियों ने यौन शौषण के कथित आरोप लगाए थे। यह मामला फिलहाल न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ को अगले आदेश तक अपनी सभी गतिविधियां निलंबित रखने का निर्देश दिया है।
बता दें कि संजय सिंह को भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुने जाने के बाद ओलंपिक मेडलिस्ट महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का ऐलान किया था। इसके अलावा बजरंग पूनिया ने भी पद्मश्री वापसी की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी भी लिखी थी। पहलवानों के इस विरोध के बाद खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को रद्द कर दिया है।