देश का सबसे बड़ा लेंडर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) पिछले वित्त वर्ष के लिए अपने 2.5 लाख कर्मचारियों को 15 दिनों का अतिरिक्त वेतन दे सकता है। बैंक इसे परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) के रूप में भुगतान करेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि बैंक ने फिस्कल ईयर 2021 के लिए अपने स्टैंडअलोन नेट प्रोफिट में 20,110.17 करोड़ रुपए पर 41 प्रतिशत की छलांग लगाई।
नवंबर 2020 में भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ हुए समझौते के अनुसार, पब्लिक सेक्टर बैंकों और कुछ दूसरे बैंकों ने प्रदर्शन से जुड़े परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव कॉन्सेप्ट को स्वीकार कर लिया है।
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई PSU लेंडर अपने ऑपरेटिंग प्रोफिट में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करता है, तो उसके कर्मचारियों को इंसेंटिव के रूप में 5 दिनों का वेतन (बेसिग प्लस DA) मिलेगा।
यही इंसेंटिव 10 दिनों के वेतन रूप में मिलता है, अगर ऑपरेटिंग प्रोफिट में 10-15 प्रतिशत बढ़ोतरी होती है और ऑपरेटिंग प्रोफिट 15 प्रतिशत से ज्यादा होने पर ये 15 दिनों का वेतन होगा।
मगर इनमें से हर एक मामले में, बैंक को पॉजिटिव नेट प्रोफिट होना चाहिए। अगर प्रोफिट पांच प्रतिशत से कम बढ़ता है, तो कर्मचारियों को कोई इंसेंटिव नहीं दिया जाएगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपने कर्मचारियों को परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव का भुगतान पहले ही कर दिया है। केनरा बैंक ने भी परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव 15 दिनों के वेतन के बराबर दिया है।
Q4 में SBI का मुनाफा
31 मार्च 2021 को समाप्त हुई चौथी तिमाही में एसबीआई के मुनाफे में करीब 80 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है और यह पिछले साल के चौथी तिमाही के 3,580.8 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,450.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। इसी तरह बैंक के ब्याज आय भी 18.9 फीसदी बढ़कर 27,067 करोड़ रुपये पर रही है जो पिछले साल की चौथी तिमाही में 22,767 पर रही थी।
इस अवधि में बैंक के एसेट क्वालिटी मे भी सुधार देखने को मिला है। तिमाही दर तिमाही आधार एसबीआई का ग्रॉस एनपीए 5.44 फीसदी से घटकर 4.98 फीसदी पर आ गया है। वहीं Net NPA 1.81 फीसदी से घटकर 1.50 फीसदी पर रहा है।