बिलासपुर, 13 फरवरी। 16 फरवरी को कोल सेक्टर में प्रस्तावित कामबंद हड़ताल को टालने में कोल इंडिया (CIL) के साथ ही अनुषांगिक कंपनियां भी जुट गई हैं। एसईसीएल (SECL) के सीएमडी डा. प्रेम सागर मिश्रा ने एक अपील जारी की है। उन्होंने कहा है कि हड़ताल से कोयला उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने हड़ताल को अवैधानिक बताते हुए कहा कि कर्मचारियों को “काम नहीं तो वेतन नहीं“ के सिद्धांत के आधार पर वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। पढ़ें पूरी अपील :
आप सभी को विदित है कि विभिन्न श्रमिक संघों द्वारा सीभाईएल के विभिन्न अनुषंगी कंपनियों में दिनांक 16 फरवरी, 2024 को ऑल इण्डिया औद्योगिक / उपकरण संबंधी हडताल एवं ग्रामीण बंद के आह्वान के अनुरूप एक दिवसीय हडताल का नोटिस दिया गया है। उक्त वर्णित प्रस्तावित हडताल के संबंध में औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के प्रावधानों के अंतर्गत सीआईएल द्वारा मुख्य श्रम आयुक्त (केन्द्रीय), नई दिल्ली एवं एसईसीएल द्वारा क्षेत्रीय श्रमायुक्त (के), बिलासपुर (छ.ग.) को संदर्भित किया गया है।
आपको यह भी अवगत कराया जाता है कि इस हडताल से संबंधित अधिकतर मुद्दे राष्ट्रीय स्तरीय नीति निर्धारण से संबंधित है और अन्य मुद्दे जो कोयला उद्योग से संबंधित है उन पर द्विपक्षीय फोरम में विचार-विमर्श किया जा रहा है।
आप सभी जानते है कि भारत में औद्योगिक उत्पादन और आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ रही है और देश विश्व में आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। इसके फलस्वरूप राष्ट्र की ऊर्जा की आवश्यकता में वृद्धि हुई है। हमारे सामुहिक प्रेरित प्रयासों से हम वर्ष 2023-24 के उत्पादन तथा ‘प्रेषण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे है। इस समय एसईसीएल में कार्य व्यवधान एक प्रतिगामी कदग साबित होगा। वर्तमान परिस्थितियों में प्रस्तावित हडताल से न केवल कोयले के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा वरन् इसरो राष्ट्र के विकास हेतु आवश्यक ऊर्जा आपूर्ति भी प्रभावित होगी । इस प्रकार, संबंधित श्रगसंघों का यह कदम कंपनी हित एवं राष्ट्रीय हित, दोनों के संदर्भों में, उचित प्रतीत नहीं होता ।
यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा औद्यौगिक विवाद अधिनियम के तहत कोयला उद्योग को लोकोपयोगी सेवा (Public Utility Service) घोषित किया गया है। साथ ही प्रस्तावित हडताल के संबंध में उक्त श्रमिक संघों / फेडरेशनों द्वारा प्रेषित सूचना संराधन की प्रकिया के अधीन है। ऐसी स्थिति में हडताल करना अनुचित एवं गैर-कानूनी होगा तथा इसमें भाग लेने की स्थिति में संबंधित कर्मचारियों को “काम नहीं तो वेतन नहीं” के सिद्धांत के आधार पर वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा, साथ ही एसईसीएल के प्रमाणित स्थाई आदेश के तहत अन्य अनुशासनिक कार्यवाईयों भी की जा सकती है।
उक्त परिस्थितियों में कोयला उद्योग में कार्यरत श्रमिकों का हडताल पर जाना, न तो मजदूर हित में है, न कंपनी हित और न ही देश हित में है। आप सबकी दृढ इच्छाशक्ति एवं कार्य के प्रति आपका समर्पण, हमारी ताकत है, जिसने हमें देश की सर्वश्रेष्ठ कोयला कंपनी होने का दर्जा प्रदान किया है।
अतः हम एसईसीएल परिवार के संबंधित श्रमसंघों के समस्त पदाधिकारियों, सदस्यों एवं अपने सभी कर्मवीर साथियों से अपील करते है कि प्रस्तावित हडताल संबंधी निर्णय पर पुनर्विचार करें एवं उक्त कार्य दिवसों में प्रबंधन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोयला उत्पादन व प्रेषण की गति बनाए रखने में सदैव की भांति अपना सहयोग प्रदान करें ।
यह कंपनी आपकी है और आपका सहयोग ही इस कम्पनी का संबल है।