नई दिल्ली, 05 फरवरी। कोल इंडिया प्रबंधन ने फिर से सब कमेटी का जिन्न बाहर ला दिया है। इसको लेकर रार की स्थिति बन रही है। कोल सेक्टर की सबसे बड़ी यूनियन हिंद मजदूर सभा (HMS) के नेता सब कमेटी के मामले को लेकर सीआईएल प्रबंधन पर आक्रामक हो गए हैं।
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जेबीसीसीआई सदस्य शिवकुमार यादव ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि सीआईएल प्रबंधन ने अब एक नया ड्रामा शुरू किया है। जिस सब कमेटी को एक सिरे से खारिज कर दिया गया था अब इसके गठन का औचित्य समझ से परे है। एचएमएस नेता ने सवाल करते हुए कहा कि पूर्व में 9:4:0 और सोषल सिक्यूरिटी जैसे मुद्दों को लेकर सब कमेटियां बनीं थी, उनकी रिपोर्ट क्या है? पांच साल बाद भी ऐसी कमेटियों का अता पता नहीं है। सीआईएल प्रबंधन कामगारों के साथ धोखा कर रहा है। जो चर्चा होगी वो जेबीसीसीआई में ही होगी।
शिवकुमार यादव ने अचानक से सब कमेटी गठन का मामला सामने आने पर श्रमिक संगठनों के दिग्गज नेताओं को इशारों- इशारों में कटघरे में खड़ा किया और कहा कि इनकी प्रबंधन के साथ मिलीभगत हो सकती है।
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जेबीसीसीआइ सदस्य शिवकुमार यादव एवं सिद्धार्थ गौतम ने संयुक्त रूप से विरोध करते हुए कहा कि हम लोग शुरू से सब कमेटी गठन के सभी प्रस्तावों का विरोध करते आ रहे हैं। आखिर ऐसा क्या है कि जेबीसीसीआई में चर्चा नहीं हो सकती? सब कमेटी गठन मजदूरों के हक के विरोध में एक साजिश है और जिन्होंने सहमति दी है वे इस साजिश में शामिल हैं। सबसे अहम सवाल यह है कि जेबीसीसीआई की बैठक में सब कमेटी गठन का मुद्दा खत्म हो गया था तो फिर कैसे, क्यों और कहां से आया? नेताद्वय ने कहा हमलोग सब कमेटी को मानेगें ही नहीं।
जेबीसीसीआइ सदस्य एमपी अग्निहोत्री ने कहा कि सब कमेटी बनाने का कोई औचित्य नहीं है। नियति साफ हो तो जेबीसीसीआई की एक ही मीटिंग और कुछ घंटों की चर्चा में अलाउंस एवं सामाजिक सुरक्षा इत्यादि विषयों को हल किया जा सकता है। सब कमेटी बनाना उचित नहीं है। कुछ नेता अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए सब कमेटी के पक्षधर हो गए हैं।
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बीएमएस नेता और जेबीसीसीआई सदस्य केपी गुप्ता ने भी सब कमेटी के गठन का विरोध किया है।