नई दिल्ली, 08 जुलाई। भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय सचिव एवं जेबीसीसीआई मेंबर सुरेन्द्र कुमार पांडेय ने दो टूक शब्दों में कहा कि सीआईएल द्वारा वित्तीय पहलुओं पर चर्चा करने गठित की गई कमेटी का कोई औचित्य नहीं है।
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यहां बताना होगा कि कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते के संदर्भ में कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने वित्तीय पहलुओं पर विचार विमर्श करने 6 जुलाई को एक कमेटी का गठन किया। इस कमेटी में प्रबंधन के दो अधिकारी और चारों यूनयिन से एक- एक श्रमिक नेता को सम्मिलित किया गया है। इसमें सुरेन्द्र कुमार पांडेय भी सदस्य बनाए गए हैं।
श्री पांडेय ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा इस तरह की समिति गठन का कोई औचित्य नहीं है। प्रबंधन ने कमेटी बनाई है तो इसके टर्म्स ऑफ रिफरेंस (ToR) जारी नहीं किए हैं।
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बीएमएस नेता ने कहा कि सीआईएल प्रबंधन जेबीसीसीआई की बैठक में बोगस आंकड़े प्रस्तुत कर रहा है। प्रबंधन द्वारा खर्च के मुकाबले एमजीबी के लिए गलत आंकड़े बताए जा रहे हैं। प्रबंधन का गुणाभाग समझ से परे है। श्री पांडेय ने कहा कि जेबीसीसीआई में ही वित्तीय पहलुओं पर चर्चा होनी चाहिए। इसके लिए प्रबंधन तैयार नहीं है।
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