नई दिल्ली, 14 मार्च। 11वें वेतन समझौते को अंतिम रूप देने के संदर्भ में कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी से यूनियन की मुलाकात को लेकर संशय बना हुआ है। दरअसल 6 मार्च को हुई बैठक के दौरान कोल इंडिया प्रबंधन ने चारों यूनियन नेताओं को कोयला मंत्री से मिलने की सलाह दी थी।
इसे भी पढ़ें : SECL : निदेशक तकनीकी और कार्मिक पद के लिए निकली वैकेंसी
इस बैठक में मौजूद रहे एमएचएम के नाथूलाल पांडेय, सीटू के डीडी रामनंदन, एटक के रमेन्द्र कुमार ने बीएमएस के लक्ष्मा रेड्डी को कोयला मंत्री से मुलाकात की अगुवाई करने अधिकृत किया था। कोयला मंत्री से मुलाकात कब होगी यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
बीएमएस के कोल प्रभारी एवं जेबीसीसीआई सदस्य के. लक्ष्मा रेड्डी संगठन के काम में व्यस्त हैं। 14 मार्च से देवधर, झारखंड में अखिल भारतीय खदान मजूदर संघ कार्यसमिति की बैठक शुरू हुई है, जो 15 मार्च तक चलेगी।
इसे भी पढ़ें : भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के विनिवेश को केन्द्र सरकार की मंजूरी, शुरू हुई प्रक्रिया
इधर, संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हो चुका है। यह चरण 6 अप्रेल तक चलेगा। ऐसे में कोयला मंत्री संसद में व्यस्त हैं। ऐसी स्थिति में वे यूनियन से मुलाकात के लिए कब समय दे पाएंगे कहा नहीं जा सकता है।
इसके पहले बीते साल दो अगस्त को इसी तरह की स्थिति निर्मित हुई थी, जिसके कारण कोयला मंत्री ने मुश्किल से 15- 20 मिनट का वक्त यूनियन नेताओं को दिया था। बताया जा रहा है 20 मार्च तक कोयला मंत्री से मिलना संभव नहीं होगा। हालांकि अभी तक बीएमएस नेता लक्ष्मा रेड्डी ने इसके लिए कोई पहल नहीं की है।
इसे भी पढ़ें : वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ने उत्पादन का कायम किया नया रिकार्ड
कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते के तहत 19 फीसदी एमजीबी पर सहमति बनने के बावजूद इस पर अभी तक अधिकारिक मुहर नहीं लग सकी है और न ही अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक तय हो पा रही है। 19 फीसदी एमजीबी का मामला डीपीई में लटका हुआ है। जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक में इंटक की फांस फंसी हुई है।