तालिबान ने अफगानिस्तान में सभी राजनीतिक दलों पर प्रतिबंध लगा दिया है और गतिविधियां पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिम न्याय मंत्री शेख मौलवी अब्दुल हकीम शराई ने कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध है.
अंतरिम न्याय मंत्री शेख मौलवी ने कहा, “देश में राजनीतिक दलों की गतिविधियां पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं क्योंकि न तो इन पार्टियों की शरिया में कोई हैसियत है, न ही शरिया में कोई जगह है और न ही इन पार्टियों से कोई राष्ट्रीय हित जुड़ा है या देश इन्हें पसंद करता है.”
वहीं, तालिबान के कब्जे के बाद से देश में 200 से अधिक मीडिया आउटलेट बंद हो गए हैं, इनमें से कई बंद होने का कारण उन वित्तीय मुद्दों को बताया जा रहा है जिनका सामना उन्हें आर्थिक संकट के कारण करना पड़ा है.
अफगानिस्तान इंडिपेंडेंट जर्नलिस्ट एसोसिएशन (एआईजेए) ने अपने नवीनतम निष्कर्षों में खुलासा किया कि देश में पत्रकारों से जुड़ी हिंसा और गिरफ्तारी के 200 से अधिक मामले दर्ज किए गए. रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में 13 पत्रकार अब भी कैद में हैं.