भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने आज प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 31 (1) के तहत टाटा पावर कंपनी लिमिटेड (‘टीपीसीएल‘) द्वारा ओडिशा की तीन बिजली आपूर्ति कंपनियों अर्थात ओडिशा लिमिटेड की वेस्टर्न इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (वेस्को यूटिलिटी), ओडिशा लिमिटेड की सदर्न इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (साउथको यूटिलिटी) तथा ओडिशा लिमिटेड की सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई लिमिटेड कंपनी (सेस्को यूटिलिटी) में प्रत्येक में इक्विटी शेयर पूंजी के 51 प्रतिशत के अधिग्रहण को मंजूरी दी।
प्रस्तावित संयोजन बिजली अधिनियम, 2003 की धारा 20 के तहत ओडिशा बिजली नियामकीय आयोग (ओईआरसी) द्वारा आरंभ अलग प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के अनुरूप ग्रिड कॉरपोरेशन ऑॅफ ओडिशा लिमिटेड (ग्रिडको) से टीपीसीएल द्वारा प्रत्येक यूटिलिटी में इक्विटी शेयर पूंजी के 51 प्रतिशत के अधिग्रहण से संबंधित है।
टीपीसीएल सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी है और मुख्य रूप से पावर जेनरेशन, ट्रांसमिशन तथा वितरण के व्यवसाय से जुड़ी है। यह टाटा समूह का एक हिस्सा है।
वेस्को यूटिलिटी ओडिशा के पांच पश्चिमी जिलों अर्थात (i) राउरकेला, (ii) बुर्ला (संभलपुर), (iii) भवानीपटना (कालाहांडी), (iv) बोलनगीर और (v) बारगढ़ में बिजली के वितरण तथा खुदरा आपूर्ति के व्यवसाय से जुड़ी है।
साउथको यूटिलिटी ओडिशा के छह दक्षिणी जिलों अर्थात (i) सिटी (गंजाम जिले के कुछ क्षेत्रों) (ii) बरहमपुर (iii) अस्का (iv) भांजानगर (v) जेपोर और (vi) रायगाडा में बिजली के वितरण तथा खुदरा आपूर्ति के व्यवसाय से जुड़ी है।
सेस्को यूटिलिटी ओडिशा के चार मध्य जिलों अर्थात (i) भुवनेश्वर (भुवनेश्वर 1 और भुवनेश्वर 2), (ii) कटक, (ii) पारादीप) और (iv) धेनकनल में बिजली के वितरण तथा खुदरा आपूर्ति के व्यवसाय से जुड़ी है।
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