कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) 20 दिसंबर को नई दिल्ली में वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी (Commercial Coal Mining) के 9वें दौर के शुभारंभ के साथ एक और महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए तैयार है। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शोभा बढाएंगे और केंद्रीय रेलवे, कोयला और खान राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे इस अवसर पर सम्मानित अतिथि होंगे।
वाणिज्यिक कोयला नीलामी का आगामी 9वां दौर कोयला क्षेत्र में अधिक निजी खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ाने, प्रतिस्पर्धा, दक्षता, नवाचार को बढ़ावा देने और सतत विकास में योगदान देने के लिए तैयार है। यह पहल कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कोयला उत्पादन और प्रेषण में अभूतपूर्व उपलब्धियों का अनुसरण करती है।
2014 के बाद से कोयला क्षेत्र में, मंत्रालय के सुधारों और उपलब्धियों ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने, आयात निर्भरता को कम करने और देश को कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। कोयला मंत्रालय का यह महत्वपूर्ण कदम उठाना इसके विवेकपूर्ण कोयला सुधारों के माध्यम से देश के ऊर्जा परिदृश्य को आकार देने की उसकी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। आगामी 9वें दौर की वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी, पिछली सफल नीलामियों के मद्देनजर, मंत्रालय की इस क्षेत्र को आगे बढाने की उसकी इस क्षेत्र के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
आगामी दौर में कुल 26 कोयला खदानों की पेशकश की जाएगी, जिसमें सीएम (एसपी) अधिनियम 2015 के तहत 3 खदानें और एमएमडीआर अधिनियम 1957 के तहत 23 खदानें शामिल हैं। इनमें से 7 कोयला खदानों की पूरी तरह से पहचान कर ली गई हैं, जबकि 19 खदानों को आंशिक रूप से पहचाना गया है। इसके अतिरिक्त, वाणिज्यिक कोयले के सातवें दौर के दूसरे प्रयास के तहत, 5 कोयला खदानों की पेशकश की जा रही है, जिसमें चार सीएमएसपी कोयला खदान और एक एमएमडीआर कोयला खदानें शामिल हैं। इनमें से चार पूरी तरह से पहचान ली गई हैं और एक खदान को आंशिक रूप से पहचाना गया है।
पिछली वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के विपरीत, कोयले की बिक्री या उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। विशेष रूप से, भागीदारी के लिए किसी भी तकनीकी या वित्तीय बाधाओं को दूर करते हुए पात्रता मानदंड को समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा, अधिसूचित मूल्य से राष्ट्रीय कोयला सूचकांक में एक रणनीतिक बदलाव, बाजार-संचालित मूल्य निर्धारण तंत्र की स्थापना करके पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करता है। खनिज कानूनों में संशोधन, कोयला क्षेत्र को मुक्त करने, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के खिलाड़ियों के लिए एक समान खेल का मैदान प्रदान करने और स्वयं की खपत और बिक्री सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए नीलामी की अनुमति देने में सहायक रहा है।
कारोबार करने में आसानी के लिए, कोयला मंत्रालय ने कोयला खदानों के शीघ्र संचालन के लिए विभिन्न मंजूरी प्राप्त करने के लिए एक मंच बनाने के लिए एकल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम (एसडब्ल्यूसीएस) पोर्टल की संकल्पना की है, जिसके परिणामस्वरूप अंतत: एकल प्रवेश द्वारा देश में कोयला उत्पादन में वृद्धि होगी। ये सुधार कोयला क्षेत्र में प्रगति और लचीलेपन के स्तंभ के रूप में काम करते हैं।
इसके अलावा, आगामी वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर पैदा करने, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और सतत विकास में योगदान करने की क्षमता है। मंत्रालय ऊर्जा क्षेत्र में विकास और नवाचार के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
इन राज्यों की कोयला खदानों की होगी नीलामी
- छत्तीसगढ – 8
- झारखंड – 5
- मध्य प्रदेश – 12
- तेलंगाना – 1