कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 24,657 करोड़ रुपये की लागत की आठ नई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। सात राज्यों में फैली इन परियोजनाओं का उद्देश्य मौजूदा रेल नेटवर्क को 900 किलोमीटर तक बढ़ाना है, इससे 14 जिलों, 64 नए स्टेशनों और लगभग 40 लाख लोगों को लाभ होगा। इसे 2030-31 तक पूरा कर लिया जाएगा।
वस्तुओं और सेवाओं के लिए मिलेगी निर्बाध कनेक्टिविटी
पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ जुड़ी ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी। वे कृषि उत्पादों, कोयला और इस्पात जैसी आवश्यक वस्तुओं के परिवहन की सुविधा भी प्रदान करेंगी और इनसे 143 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त माल यातायात होने की उम्मीद है।
इन परियोजनाओं की मंजूरी को प्रधानमंत्री के नए भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य व्यापक विकास के माध्यम से भारत को विभिन्न क्षेत्रों में “आत्मनिर्भर” बनाना है। ये परियोजनाएं रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाएंगी, आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी और रसद लागत को कम करेंगी।
इस रेलवे परियोजना को पर्यावरण ऊर्जा-कुशल अनुकूल माना जा रहा है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने, तेल आयात को कम करने और 0.87 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा जोकि यह करीब 3.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
इन आठ परियोजनाओं में शामिल रेलवे नेटवर्क
- गुनुपुर-थेरुबली (नई लाइन) 73.62 किमी रायगड़ा, ओडिशा,
- जूनागढ़-नबरंगपुर 116.21 किमी कालाहांडी और नबरंगपुर ओडिशा
- बादामपहाड़ कंदुझारगढ़ 82.06 किमी क्योंझर और मयूरभंज, ओडिशा
- बंग्रिपोसी गोरुमहिसानी 85.60 किमी मयूरभंज, ओडिशा
- मलकानगिरी पांडुरंगपुरम (भद्राचलम से होते हुए) 173.61 किमीमलकानगिरि, पूर्वी गोदावरी और भद्राद्री कोठागुडेम ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
- बुरामारा चाकुलिया 59.96 किमी पूर्वी सिंहभूम, झाड़ग्राम और मयूरबनंज (झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा)
- बिक्रमशिला कटारेह 26.23 किमी भागलपुर, बिहार
- जालना – जलगांव 174 किमी औरंगाबाद महाराष्ट्र इसमें यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल, अजंता गुफाओं को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ना शामिल है, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।