अर्थव्यवस्था के र्मोचे पर अच्छी खबर है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4 मार्च, 2022 को समाप्त हफ्ते में 39.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 631.92 अरब डॉलर हो गया है। इससे पूर्व 25 फरवरी को समाप्त हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 1.425 अरब डॉलर घटकर 631.527 अरब डॉलर रह गया था, जबकि 3 सितंबर, 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर था।
भारत नवम्बर, 2021 तक विश्व का चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश बना
ज्ञात हो नवम्बर, 2021 के अंत तक चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत चौथा सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार वाला देश था। उस दौरान भारत का बाह्य क्षेत्र काफी मजबूत रहा था। बढ़ते हुए मुद्रा स्फीति दबावों की बावजूद फेड सहित प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण केन्द्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति के तेजी से सामान्यीकरण की संभावना से पैदा हुई वैश्विक तरलता की संभावना का सामना करने के लिए भारत का बाह्य क्षेत्र लचीला रहा। अब एक बार फिर भारतीय अर्थव्यवस्था में विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
कुल मुद्राभंडार का एक अहम हिस्सा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक विदेशी मुद्रा भंडार में यह वृद्धि विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) की बढ़ोतरी से हुई है, जो कुल मुद्राभंडार का एक अहम हिस्सा है।
FCA 63.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 565.466 अरब डॉलर हुआ
प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक एफसीए 63.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 565.466 अरब डॉलर हो गया है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 5.9 करोड़ डॉलर घटकर 18.981 अरब डॉलर रह गया, जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 3.4 करोड़ डॉलर घटकर 5.153 अरब डॉलर रह गया।
स्वर्ण भंडार 42.32 अरब डॉलर पर
इसके अलावा आलोच्य हफ्ते में स्वर्ण भंडार 14.7 करोड़ डॉलर घटकर 42.32 अरब डॉलर रह गया। गौरतलब है कि डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्रा के मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास के प्रभावों को शामिल किया जाता है।