भारतीय स्टेट बैंक अपने ग्राहकों को 2 लाख रुपये का एक्सिडेंटल इंश्योरेंस कवर मुफ्त में दे रहा है। यह फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा, जिन्होंने रूपे जनधन कार्ड के लिए आवेदन किया होगा। अगर आपका जनधन खाता नहीं है तो आप अपने बेसिक खाते को भी जनधन में ट्रांसफर कर सकते हैं।
SBI ₹2 Lakh Free Benefit: देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक अपने ग्राहकों को एक बड़ा फायदा दे रहा है और वह भी बिल्कुल मुफ्त। इसके तहत बैंक के ग्राहकों को 2 लाख रुपेय तक का मुफ्त इंश्योरेंस मिलेगा। यह सुविधा बैंक की तरफ से जन धन अकाउंट के खाताधारकों को दी जा रही है। बैंक की तरफ से जनधन खातों पर रूपे जनधन कार्ड दिया जाता है और उस पर 2 लाख रुपये का एक्सिडेंटल इंश्योरेंस कवर भी ग्राहकों को मिलता है। अगर आपका जनधन खाता नहीं है तो आप अपने बेसिक खाते को भी जनधन में ट्रांसफर कर सकते हैं।
बेसिक अकाउंट को जनधन खाते में कर सकते हैं ट्रांसफर
भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से ग्राहकों को यह सुविधा भी दी जा रही है कि वह अपने बेसिक खाते को जनधन खातों में ट्रांसफर कर लें। अगर आप भी भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से दिए जा रहे इस 2 लाख रुपये के एक्सिडेंटल बेनेफिट का फायदा उठाना चाहते हैं तो बैंक से बात कर के अपना खाता जनधन खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। जिन ग्राहकों ने 28 अगस्त 2018 से पहले खाता खुलवाया है, उन्हें 1 लाख रुपये का एक्सिडेंटल इंश्योरेंस मिलता है, उन्हें भी इस नई सुविधा का फायदा मिलेगा। वहीं 28 अगस्त 2018 के बाद खाते खुलवाने वाले ग्राहकों को तो इसका फायदा मिलेगा ही। ध्यान रहे कि यह फायदा सिर्फ उन्हें ही मिलेगा, जो रूपे जनधन कार्ड के लिए आवेदन करेंगे।
देश से बाहर हुई दुर्घटना भी होगी कवर
बाहर हुई व्यक्तिगत दुर्घटना भी कवर की जाती है। जरूरी दस्तावेज जमा कर के आप बीमा की राशि के अनुसार क्लेम कर सकते हैं। इसका फायदा पाने के लिए नॉमिनी को एक क्लेम फॉर्म भरना होगा और मृतक का मत्यु प्रमाण पत्र उसमें लगाना होगा। उसे एक्सिडेंट को लेकर की गई एफआईआर की एक कॉपी भी जमा करनी होगी। मरने वाले व्यक्ति के आधार कार्ड की भी जरूरत होगी। यह सभी दस्तावेज एक्सिडेंट के 90 दिनों के अंदर जमा करने होंगे।
यूं खुलवा सकते हैं जनधन अकाउंट
अगर आपका जनधन खाता नहीं है और आप इसका फायदा उठाने के लिए अपना नया जनधन खाता खोलना चाहते हैं तो नजदीकी बैंक में जाकर आसानी से ये खाता खुलवा सकते हैं। इसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा, जिसमें नाम, मोबाइल नंबर, बैंक ब्रांच का नाम, आवेदक का पता, नॉमिनी, व्यवसाय/रोजगार और सालाना आय समेत आश्रितों की संख्या का उल्लेख करना होगा। साथ ही एसएसए कोड या वार्ड नंबर, विलेज कोड या टाउन कोड की जानकारी भी देनी होगी। वहीं एक्सिडेंटल इंश्योरेंस कवर का फायदा पाने के लिए आपके रूपे जनधन कार्ड के लिए भी आवेदन करना होगा।
7 साल पहले हुई थी जनधन योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जनधन योजना को 7 साल साल से भी अधिक हो चुके हैं। इन 7 सालों में देश के 43 करोड़ से भी अधिक लोगों का PMJDY बैंक अकाउंट खुल चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2014 में देश के करोड़ों लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए पीएम जन धन योजना नाम की पहल शुरू की थी। वित्त मंत्रालय ने फाइनेंशियल इंक्लूजन और समाज के वंचित तबके को सामाजिक आर्थिक रूप से उन्नत बनाने के लिए जन धन योजना की शुरुआत की थी।
सूदखोर महाजन के चंगुल से बचेंगे लोग
मोदी सरकार का मानना है कि फाइनेंसियल इंक्लूजन की मदद से देश में सभी लोगों का समग्र विकास संभव है। प्रधानमंत्री जनधन योजना की वजह से गरीब लोगों को अपनी बचत को औपचारिक बैंकिंग सिस्टम में रखने में मदद मिली। इसके साथ ही अपने घर से बाहर रहकर पैसे कमाने वाले प्रवासी मजदूर को अपने घर में समय से पैसे भेजने का एक विकल्प मिला। समाज के वंचित तबके को सूदखोर महाजन के चंगुल से बाहर निकालने के लिए भी पीएम जन धन योजना की काफी तारीफ की जा रही है।
अब तक 43 करोड़ से अधिक बैंक खाते
प्रधानमंत्री जनधन योजना को दुनिया का सबसे बड़ा फाइनेंशियल इंक्लूजन प्रोग्राम कहा जा सकता है। अगस्त 2014 में पीएम मोदी ने जनधन योजना की शुरुआत की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जनधन अकाउंट की मदद से गरीब लोगों को औपचारिक बैंकिंग सिस्टम में शामिल किया जा सकेगा। वह अपनी बचत बैंक खाते में रख सकेंगे और उन्हें इमरजेंसी की स्थिति में वित्तीय मदद उपलब्ध हो सकेगी।
खातों की संख्या बढ़ी
पीएम जन धन योजना के तहत खुले 43 करोड़ से भी अधिक बैंक खातों में इस समय करीब 146,230 करोड़ रुपये जमा हैं। PMJDY के आंकड़े बताते हैं जनधन योजना के तहत खुले बैंक अकाउंट में से 86.3 फीसदी एक्टिव हैं। अगस्त 2014 से अगस्त 2020 तक जनधन खाते की संख्या 2.3 गुना बढ़ गई है, जबकि इन बैंक खाते में रखी रकम 5.7 गुना बढ़ी है और यह खाते लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
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