रायपुर, 27 जुलाई। शनिवार की केंद्रीय रोजगार, खेल और श्रम मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस में श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।

इस अवसर पर मंत्री श्री देवांगन ने केंद्रीय मंत्री श्री मंडाविया को प्रदेश के ईएसआईसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) अस्पतालों में डॉक्टरों, विशेषज्ञ डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ की कमी के संबंध में अवगत कराया।
मंत्री श्री देवांगन ने बताया की प्रदेश में ईएसआईसी द्वारा रायपुर, भिलाई, कोरबा और रायगढ़ में क्रमश: 100–100 बेड के अस्पतालों का निर्माण कराया गया है। सभी जगह स्वास्थ्य सुविधाएं प्रारंभ हो चुकी है, लेकिन कोरबा , भिलाई और रायगढ़ में अब तक आईपीडी की सुविधा शुरु नही हुई है। दोनों जिलों में क्रमश: 40 हजार और 50 हज़ार श्रमिक परिवार पंजीकृत हैं।

अस्पतालों में पर्याप्त डॉक्टर और स्टाफ नहीं होने से श्रमिक परिवारों को अन्य शहर रेफर करना पड़ता है।मंत्री श्री देवांगन ने ईएसआईसी के सभी चारों अस्पताल में पर्याप्त डॉक्टर व अन्य सुविधाएं प्रारंभ करने का अनुरोध किया। इस पर केंद्रीय मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने ईएसआईसी के अधिकारियों को निर्देश दिए गए की जल्द से जल्द सारी कमियां दूर की जाए।इसके अलावा श्रम विभाग के प्रस्ताव पर लारा, खरसिया, में ईएसआईसी के औषधलय की सहमति भी केंद्रीय श्रम मंत्री ने दी।

ईएसआईसी और ईपीएफ में पंजीकृत श्रमिको की संख्या में अंतर, दिए गए निर्देश

बैठक में ईएसआईसी में ईपीएफओ में पंजीकृत श्रमिक को संख्या की भी समीक्षा हुई इसपर केन्द्रीय श्रम मंत्री ने ईपीएफओ के अधिकारियो पर नाराजगी भी जाहिर की। जल्द से जल्द समीक्षा कर श्रमिको को पंजीकृत करने के निर्देश दिए गए।

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