नई दिल्ली, 22 जुलाई। राज्यसभा के मानसून सत्र में सवाल पूछा गया था कि, क्या सरकार ने 2019 और 2020 में संसद द्वारा पारित की गई नई श्रम संहिताओं (4 Labour Code) को लागू करने के लिए कोई तारीख निर्धारित की है। साथ ही भविष्य निधि पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सवाल किया गया था। नई श्रम संहिताओं को लागू करने की तारीख को लेकर सरकार द्वारा कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया।
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने यह जवाब प्रस्तुत किया, एक विषय के रूप में “श्रम“ भारतीय संविधान की समवर्ती सूची में है और संहिताओं के अंतर्गत नियम बनाने की शक्ति केंद्र सरकार के साथ- साथ राज्य सरकारों को भी सौंपी गई है। चार श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन की दिशा में एक कदम के रूप में, केंद्र सरकार ने सभी हितधारकों की टिप्पणियां आमंत्रित करते हुए मसौदा नियमों को पूर्व प्रकाशित किया है। उपलब्ध सूचना के अनुसार 31, 26, 25 और 24 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों ने क्रमश : मजदूरी संहिता, 2019, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशाएं संहिता, 2020 के अंतर्गत मसौदा नियमों को पूर्व प्रकाशित कर दिया है।
सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 में भविष्य निधि स्कीम के संबंध में अंशदान की दर कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 में उपबंधित दर के अनुरूप है। हालांकि, सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020 में यह भी प्रावधान है कि केंद्र सरकार अधिसूचना द्वारा कर्मचारियों के अंशदान की दरों और उस अवधि को विनिर्दिष्ट कर सकती है जिसके लिए ऐसी दरें किसी भी वर्ग के कर्मचारियों के लिए लागू होंगी।
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