नई दिल्ली, 24 जुलाई। सोमवार को राज्य सभा में कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPFO) के दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL) में 315.35 करोड़ रुपए डूबने का मुद्दा उठा।
सांसद बिनोय विस्वम ने सवाल पूछा कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) के शीघ्र मोचन विकल्प (early redemption option) का उपयोग करने में कोयला खान भविष्य निधि संगठन की विफलता के क्या कारण हैं, जिसके परिणामस्वरुप 315.35 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है? उन्होंने यह भी सवाल किया कि डिबेंचर के मोचन के लिए समय पर कार्रवाई करने में प्रबंधन की विफलता की जांच करने और वित्तीय हानि के लिए जिम्मेदारी तय करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और डिबेंचर में निवेश की निगरानी करने और निवेशित निधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रणाली को मजबूत करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने यह जवाब दिया:
प्रक्रियात्मक विलंब के कारण, कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPFO) दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL) के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (Non-Convertible Debentures) के लिए शीघ्र मोचन विकल्प का उपयोग करने में विफल रहा। डिबेंचर के मोचन के लिए समय पर कार्रवाई करने में प्रबंधन की विफलता की जांच करने के लिए सतर्कता जांच प्रगति पर है और प्रक्रियात्मक विलंब से बचने के लिए न्यासी बोर्ड, सीएमपीएफओ की निवेश उप-समिति, जिसमें संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, आयुक्त, सीएमपीएफओ, निदेशक (वित्त), कोल इंडिया लिमिटेड और कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि शामिल हैं, को सीएमपीएफओ के निवेश मामलों पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है।