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नई दिल्ली, 04 दिसम्बर। केन्द्रीय कर्मचारियों को केन्द्र सरकार ने झटका दिया है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की कोई योजना नहीं है।

राज्यसभा में सांसद जावेद अली खान एवं रामजी लाल सुमन के सवाल पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह जवाब दिया है। वित्त राज्य मंत्री ने कहा किवर्तमान में सरकार के पास केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आठवें केन्द्रीय वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

यहां बताना होगा कि केंद्र सरकार के एक करोड़ से भी अधिक कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के गठन का इंतजार कर रहे हैं।

केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और भत्तों में बदलाव का आकलन करने और सुझाव देने के लिए हर 10 साल में वेतन आयोग गठित किया जाता है। 28 फरवरी, 2014 को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सातवें वेतन आयोग का गठन किया था। आयोग ने 19 नवंबर, 2015 को अपनी सिफारिशें दी और 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 को लागू हुईं।

8वां केंद्रीय वेतन आयोग 1 जनवरी, 2026 से लागू होना है, लेकिन सरकार ने इससे संबंधित प्रस्ताव से इनकार किया है। ऐसे में 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर संशय की स्थिति बन गई है। वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन ढांचे में संशोधन की ओर ले जाता है।

वेतन में आमतौर पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत (डीआर) शामिल होते हैं। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 53 फीसदी डीए मिल रहा है। इतना ही भत्ता पेंशनभोगियों को भी दिया जाता है। सरकार साल में दो बार भत्ते यानी डीए में बढ़ोतरी करती है। यह छमाही आधार पर किया जाता है।

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