फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने गुरुवार को घोषणा की कि वह अपनी कंपनी का नाम बदलकर मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक कर रहे हैं। जुकरबर्ग ने इसे मेटावर्स का नाम दिया है।
जुकरबर्ग का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अगले दशक के भीतर ‘मेटावर्स’ एक अरब लोगों तक पहुंच जाएगा। उनका कहना है कि ‘मेटावर्स’ एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा जिस पर लोग संवाद करेंगे तथा उत्पाद एवं सामग्री तैयार करने के लिए कार्य कर सकेंगे। उन्हें उम्मीद है कि यह एक ऐसा नया प्लेटफार्म होगा जो रचनाकारों के लिए ‘‘लाखों’’ नौकरियां सृजित करेगा। यह घोषणा ऐसे समय पर आयी है जब फेसबुक अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है। फेसबुक पेपर्स में खुलासे के बाद इसे दुनिया के कई हिस्सों में विधायी और नियामक जांच का सामना करना पड़ रहा है।
मेटावर्स क्या है?
मेटावर्स, एक वर्चुअल कंप्यूटर-जनरेटेड स्पेस है जहां लोग बातचीत कर सकते हैं। इसका लोगों भी नया होगा जो कि INFINTY शेप में दिखाई देगा। बता दें कि फेसबुक के नाम को बदलने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी। मार्क सोशल मीडिया कंपनी की दोबारा ब्रान्डिंग करना चाहते हैं। मार्क के इस कदम से ब्रांड को एक अलग पहचान मिलेगी। मार्क नहीं चाहते कि, फेसबुक को केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर न देखा जाए इसलिए फेसबुक का नाम बदलकर मेटा किया गया। मेटावर्स के जरिए से एक वर्चुअल दुनिया का आगाज होगा जिसके तहत ट्रांसफर और कम्यूनिकेशन के लिए अलग-अलग टूल का इस्तेमाल किया जा सकेगा।