नई दिल्ली, 15 फरवरी। बीएमएस (BMS) से सम्बद्ध अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ (ABKMS) सीआईएल (CIL)  की खदानों के निजीकरण पर विराम लगाने के लिए जोर लगाएगा।

एबीकेएमएस के नवनियुक्त महामंत्री सुजीत सिंह ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए बताया कि नागपुर में हुए अधिवेशन में इस का आशय का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। सुजीत सिंह ने कहा कि एमडीओ मोड के माध्यम से कोल इंडिया की खदानों के निजीकरण का प्रयास चल रहा है। खदानों में आउट सोर्सिंग का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस पर विराम लगाने की मांग उठाई गई है।

सुजीत सिंह ने बताया की अधिवेशन में सात प्रस्ताव पारित किए गए हैं। इसमें महिला कामगारों पर ध्यान केन्द्रीत किया गया है। उनकी पदोन्नति और कल्याण से संबंधित मुद्दों को सामने लाते हुए निराकरण का प्रयास किया जाएगा। खदानों में स्थाई कर्मचारियों की संख्या साल दर साल कम हो रही है। नियमित नियुक्तियां करने की मांग रखी जा रही है।

एबीकेएमएस के महामंत्री ने कहा कि कोल सेक्टर के ठेका श्रमिकों को वेज, बोनस, मेडिकल सुविधा सहित अन्य सामाजिक सुरक्षा पूरी तरह मिले इसके लिए एक फुलप्रुफ योजना तैयार की जा रही है। ठेका श्रमिकों शून्य प्रीमियम बीमा का लाभ दिलाने काम होगा।

सुजीत सिंह ने कहा कि डीजीएमएस से जुडे़ मुद्दों पर भी फोकस किया जाएगा। खदानों में कहीं न कहीं सुरक्षा मापदण्डों की अनदेखी हो रही है। मानकों को नजरअंदाज किया जा रहा है। डीजीएमएस की लापरवाही देखने को मिल रही है।

महामंत्री ने कहा कि एबीकेएमएस की नई कार्यसमिति का ध्यान कोयला कामगारों की पेंशन, पीएफ से जुड़े मुद्दों पर प्रमुखता से होगा। पेंशन फंड को मजबूती मिले, इसके लिए संघ प्रभावी रूप से काम करेगा।

सुजीत सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ कोयला कामगारों के हित में ईमानदारी से काम करने वाला श्रमिक संगठन है।

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