नई दिल्ली, 21 जुलाई। रेल मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि वरिष्ठ नगरिकों को यात्री गाड़ियों में रियायत नहीं मिलेगी। मंत्रालय का कहना है कि वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट देने से रेलवे की वित्तीय स्थित पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है। संसद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बकायदा राजस्व हानि के आंकड़े प्रस्तुत किए।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का जवाब, “अधिकांश श्रेणियों में यात्री किराए बहुत कम हैं। भारतीय रेल में यात्री सेगमेंट को कम किराए और विभिन्न श्रेणियों के यात्रियों को रियायतों के कारण आवर्ती नुकसान उठाना पड़ा है। भारतीय रेल यात्री सेवाओं के लिए कम किराया संरचना के कारण वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी यात्रियों के लिए औसतन यात्रा की लागत का 50 प्रतिशत से अधिक पहले से ही वहन कर रही है। इसके अलावा, कोविड 19 के कारण पिछले दो वर्ष से यात्री आमदनी 2019-2020 की तुलना में कम है। इससे रेलवे की वित्तीय स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है। रेलवे को रियायतें देने की भारी लागत उठानी पड़ती है, इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी श्रेणियों के यात्रियों को रियायतें देने का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है। इन चुनौतियों के बावजूद, भारतीय रेल ने दिव्यांग यात्रियों की चार श्रेणियों, रोगियों और विद्यार्थियों की ग्यारह श्रेणियों के लिए किराए में रियायत जारी रखी है।”
रेल मंत्री द्वारा प्रस्तुत राजस्व हानि के आंकड़े :
वर्ष – हानि (करोड़ में)
2017-18 – 1491
2018-19 – 1636
2019-20 – 1667
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