नई दिल्ली, 06 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि देश में उपचार को किफायती बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं को सस्ता और सुलभ बनाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका लगातार बढ़ रही है।
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श्री मोदी ने आज स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान पर बजट उपरांत वेबिनार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को केवल स्वास्थ्य मंत्रालय तक ही सीमित नहीं रखा है, बल्कि पूरे सरकारी तंत्र के लिए यह प्राथमिकता का विषय है। प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल के वर्षों में 260 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, जबकि 2014 के बाद मेडिकल सीटों की संख्या दोगुनी की गई है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के पास 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलना स्वास्थ्यकर्मी तैयार करने की दिशा में बड़ा क़दम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से 80 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। श्री मोदी ने यह भी कहा कि भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस वर्ष के केंद्रीय बजट में नर्सिंग क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार लोगों के घरों के पास परीक्षण सुविधाओं और प्राथमिक उपचार की बेहतर सुविधाएं विकसित करने पर ध्यान दे रही है।
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कोविड-19 पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान जिस तरह भारत के औषध क्षेत्र ने पूरी दुनिया का भरोसा हासिल किया है, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि महामारी ने सिखाया है कि आपूर्ति श्रृंखला बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में विदेशों पर भारत की निर्भरता कम करने के लगातार प्रयास कर रही है। श्री मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र, विशेष रुप से आयुर्वेद के सभी हितधारकों से साक्ष्य-आधारित अनुसंधान मज़बूत करने का आग्रह किया।