Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिलकिस बानो की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उन्होंने गुजरात सरकार पर अपने मामले के दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपनी याचिका में 11 दोषियों को रिहा किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार से दोषियों की रिहाई का कारण पूछा। कोर्ट ने कहा- आज यह बिलकिस के साथ हुआ, कल किसी के साथ भी हो सकता है। कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार से कहा- दोषियों को समय से पहले रिहाई देने से जुड़ी फाइलें पेश करें। अगर आप दोषियों को रिहा करने की वजह नहीं बताते हैं तो हम अपना निष्कर्ष निकालेंगे।
कोर्ट ने मामले में केंद्र और राज्य सरकार से 1 मई तक फाइल पेश कर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट में केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से ASG एसवी राजू पेश हुए। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन लगाने पर विचार करेंगे, जिसमें रिहाई की फाइल मांगी गई है। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को दोपहर 2 बजे होगी।
SC ने कहा- सेब की तुलना संतरे से कैसे कर सकते हैं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जहां एक गर्भवती महिला के साथ गैंगरेप किया गया और उसके सात रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई। आप सेब की तुलना संतरे से कैसे कर सकते हैं? आप एक व्यक्ति की हत्या की तुलना सामूहिक हत्या से कैसे कर सकते हैं? यह एक समुदाय और समाज के खिलाफ अपराध है। हमारा मानना है कि आप अपनी शक्ति और विवेक का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करें। दोषियों को रिहा करके आप क्या संदेश दे रहे हैं?
साभार : दैनिक भास्कर