केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार क्षेत्र में कई संरचनात्मक और प्रक्रिया सम्बंधी सुधारों को मंजूरी दी है। इनसे रोजगार के अवसरों की रक्षा तथा सृजन, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने, तरलता बढ़ाने, निवेश को प्रोत्साहित करने और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर नियामक बोझ कम होने की आशा है।
इन सुधार उपायों से ब्रॉडबैंड और दूरसंचार कनेक्टिविटी के प्रसार को और बढ़ावा मिलेगा। मंत्रिमंडल के इस फैसले से मजबूत दूरसंचार क्षेत्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना की पुष्टि होती है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल बैठक के बाद बताया कि इस पैकेज से 4 जी प्रसार और 5 जी नेटवर्क में निवेश के लिए वातावरण बनने की भी उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए नौ संरचनात्मक सुधार, पांच प्रक्रिया सम्बंधी सुधार और कई राहत उपाय किए गए हैं। श्री वैष्णव ने बताया दूरसंचार क्षेत्र में निवेश को बढावा देने के लिए स्वचालित रूप से शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि स्पेक्ट्रम नीलामी की अवधि 20 वर्ष से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दी गई है।
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