नई दिल्ली, 16 दिसम्बर। कोल सेक्टर में 11वें वेतन समझौते को लेकर आंदोलन का आगाज हो चुका है। आंदोलन के दूसरे चरण के तहत 7 जनवरी, 2023 को होने जा रहे संयुक्त कन्वेंशन तक सीआईएल प्रबंधन ने कोई पहल नहीं की या निर्णय नहीं लिया तो कामबंद हड़ताल का होना तय माना जा रहा है।
रांची में होने वाले कन्वेंशन की तैयारी शुरू कर दी गई है। सीएमपीडीआईएल कैंपस में होने वाले इस कन्वेंशन में श्रमिक संगठन एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक से एक हजार लोग जुटेंगे। एक हजार लोगों की आवास व्यवस्था के लिए आवासीय टेंट लगाए जाएंगे और भोजन इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी।
बताया गया है कि इस कन्वेंशन में हड़ताल का प्रस्ताव लाया जाएगा। तीन से पांच दिनों की कामबंद हड़ताल को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। कोल इंडिया और अनुषांगिक कंपनियों तथा सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड में हड़ताल होगी। चुंकि 11वों वेतन समझौते का कोयला कामगारों को इंतजार है। लिहाजा हड़ताल होने की स्थिति में कोयला उत्पादन और प्रेषण का कार्य खासा प्रभावित हो सकता है।
इधर, कन्वेंशन अन्य संगठन भी समर्थन दे सकते हैं। बताया गया है कि कन्वेंशन में इंटक को आमंत्रित किए जाने को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। इंटक को लेकर दुविधा यह है कि यह संगठन चार गुटों में बंटा हुआ है। हालांकि रांची से अपील की गई है कि जो भी श्रमिक संगठन समर्थन देना चाहेंगे उनका स्वागत रहेगा।
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आंदोलन के आगाज के बाद भी प्रबंधन मौन
9 दिसम्बर को कोल सेक्टर में 11वों वेतन समझौते को लेकर विरोध प्रदर्षन किया गया। 7 जनवरी को कन्वेंशन होने जा रहा है। बावजूद इसके कोल इंडिया लिमिटेड प्रबंधन चुप्पी सौधे हुए है। जबकि 4 दिसम्बर को कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते को लेकर बड़ा बयान दिया था। श्री जोशी ने कोल इंडिया प्रबंधन को वेतन समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिए जाने की बात कही थी। कोयला मंत्री ने कहा था कि सभी लंबित मुद्दों को सुलझाया जाना चाहिए और इस बात पर जोर दिया कि वह इस मुद्दे पर ट्रेड यूनियनों को हड़ताल पर नहीं जाने देंगे।
एमजीबी पर अटकी हुई वार्ता
यहां बताना होगा कि 30 नवम्बर को सीआईएल मुख्यालय में आयोजित जेबीसीसीआई की 7वीं बैठक बगैर नतीजा खत्म हो गई थी। यूनियन ने अपनी मांग से नीचे आते हुए 28 फीसदी एमजीबी देने का प्रस्ताव रखा था। सीआईएल प्रबंधन 10.50 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ा। प्रबंधन ने साफ कहा कि डीपीई का ऑफिस मेमोरेंडम इससे आगे बढ़ने की इजाजत नहीं देता है। डीपीई की गाइडलाइन में छूट के बगैर वेतन समझौता संभव नहीं है।
सीआईएल प्रबंधन के इस रवैये पर यूनियन ने आंदोलन ने संयुक्त रूप से आंदोलन का ऐलान किया। 9 दिसम्बर को सीआईएल सहित सभी अनुषांगिक कंपनियों के एरिया में विरोध दिवस मनाने तथा 7 जनवरी को रांची में संयुक्त कन्वेंषन किए जाने का निर्णय लिया गया। संयुक्त कन्वेंशन में आंदोलन के आगे की रणनीति तय किया जाने की बात कही गई।
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