मिडिल ईस्ट के चार देश तुर्किये (पुराना नाम तुर्की), सीरिया, लेबनान और इजराइल सोमवार सुबह भूकंप से हिल गए। यहां 12 घंटे में दो बड़े भूकंप आए। सबसे ज्यादा तबाही एपिसेंटर तुर्किये और उसके नजदीक सीरिया के इलाकों में देखी जा रही है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक- तुर्किये में अब तक 1014 लोगों की जान जा चुकी है। 5385 लोगों के घायल होने की खबर है। सीरिया में 783 लोग मारे गए।
टर्किश मीडिया के मुताबिक- 3 बड़े झटके आए। पहला तुर्किये के वक्त के मुताबिक, सुबह करीब चार बजे (7.7) और दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0)। इसके अलावा 78 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही।
सीरिया में 783 लोग मारे गए और 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। दोनों देशों में मरने वालों की कुल संख्या 1800 से ज्यादा हो गई है। लेबनान और इजराइल में भी झटके महसूस किए गए, लेकिन यहां नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किए का गाजियांटेप शहर था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर है। इसलिए इसके आसपास के इलाकों में ज्यादा तबाही हुई। इसका असर भी दिख रहा है। दमिश्क, अलेप्पो, हमा, लताकिया समेत कई शहरों में इमारतें गिरने की खबर है।
भारत ने मदद के हाथ बढ़ाए
भारत और अन्य देशों सहित अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों ने भूकम्प प्रभावित क्षेत्रों में सहायता की घोषणा की है।
भारत सरकार ने तुर्किए में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्र राहत और बचाव दल भेजने का निर्णय लिया है। इसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और चिकित्सा दलों के साथ राहत सामग्री भेजी जाएंगी। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉक्टर पी.के. मिश्रा ने आज नई दिल्ली में हुई बैठक में ये फैसला लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप पीड़ितों को हर संभव सहायता और राहत देने के निर्देश दिये है।
एनडीआरएफ की दो टीमों में सौ कर्मी विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉयड और आवश्यक उपकरणों के साथ भूकंप प्रभावित क्षेत्र में खोज और बचाव कार्यों के लिए जाएंगे। चिकित्सा दल में प्रशिक्षित डॉक्टर और नर्स के साथ आवश्यक दवाएं भी भेजी जाएंगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुर्कीए और सीरिया में भूकम्प में मारे गये लोगों के प्रति सम्वेदना व्यक्त की है। एक टवीट में श्री मोदी ने कहा कि इस कठिन समय में भारत हर संभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रॉस एडनॉम घेब्रेसियस ने कहा है कि आपातकालीन स्वास्थ्य दलों को घायलों की देखभाल और अत्याधिक प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए भेज दिया गया है।