नई दिल्ली, 22 जुलाई। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने केन्द्र की मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। 17 नवम्बर को नई दिल्ली स्थित संसद मार्ग पर एक लाख लोगों को उतार सरकार को दस्तक दी जाएगी।
यहां बताना होगा कि बीएमएस सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी कंपनियों के निजीकरण एवं निगमकरण का निरंतर विरोध कर रहा है। बावजूद इसके केन्द्र सरकार अपनी इस नीति पर अडिग है।
बीएमएस के अखिल भारतीय सचिव और वित्तीय क्षेत्र के प्रभारी गिरीश चंद्र आर्य ने कहा कि 17 नवम्बर को संसद मार्ग पर पीएसयू क्षेत्र से एक लाख लोग जुटेंगे और केन्द्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन किया जाएगा।
गिरीश चंद्र आर्य सरकार की निजीकरण नीति के खिलाफ यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस द्वारा जंतर मंतर पर आयोजित एक दिवसीय धरना को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा दो मोर्चों पर लड़ाई लड़कर सरकार को घुटनों पर लाया जा सकता है। ट्रेड यूनियन का राजनीतिकरण न हो और राजनीति को ट्रेड यूनियन में न लाया जाए। ट्रेड यूनियन अपना काम करें। लोकसभा और राज्यसभा के सांसद हमारी लड़ाई को पार्लियामेंट में लेकर जाएं।
श्री आर्य ने बताया कि बीएमएस ने पब्लिक सेक्टर कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई है। इसमें कोल, पॉवर, स्टील, रेलवे, डिफेंस, बैंक, बीमा, पोस्टल सहित सभी पीएसयू के बीएमएस के फेडरेशन जुड़े हुए हैं।
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