भारत में स्काउट-गाइड के जनक पं. श्रीराम बाजपेयी का जन्म उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर शहर के मध्य बहादुरगंज सब्जी मंडी में 11 अगस्त, 1880 को हुआ था। बाजपेयी जी के पिता गयादीन पीलीभीत हाईस्कूल में संस्कृत अध्यापक थे। बाजपेयी जी के पिता बचपन में ही गुजर जाने पर मां ने इनका पालन-पोषण काफी दिक्कतों के साथ किया था।
श्रीराम मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त करने के तत्काल बाद फैजाबाद में अध्यापक नियुक्त हो गए थे। इसके पश्चात वह बलरामपुर के प्रयागपुर में प्रधानाध्यापक हो गए थे, लेकिन इनका मन वहां न लगने के कारण शाहजहांपुर 1913 में वापस लौट आए और रेलवे इंजीनियरिंग कॉलेज में क्लर्क हो गए।
जीवन का टर्निग पाइंट
एक बार बाजार में पहुंचकर अखबार में रखकर जलेबी खा रहे थे। उस अखबार में ही विश्व में स्काउट के जन्मदाता बेडेन पावेल का जिक्र था। इसे पढ़कर स्काउट के बारे में जानने के लिए शाहजहांपुर में मिस्टर ऑक्स अधिकारी से मिले और विदेश से स्काउट की किताबें मंगवाईं। बाजपेयी जी किताबों के माध्यम से ही सीटी-इशारे और मकान के ऊपर सीढ़ी आदि बनाकर चढ़ने में दक्ष हो गए।
इसी दौरान चोरियां बढ़ने पर पुलिस की मदद से चोरों का पता लगाया। इससे पुलिस महकमा बहुत प्रसन्न हुआ। मिस्टर ऑक्स ने इनको रायबहादुरी का खिताब देने का ऐलान किया, लेकिन इन्होंने लेने से इंकार कर दिया।
बाल सेवक दल की स्थापना
इधर, पं. मदनमोहन मालवीय ने स्वयं श्रीराम बाजपेयी के कार्यों को देखा और इम्पीरियल कौंसिल में इसकी चर्चा की। कमिश्नर ने शाहजहांपुर आकर इनके कार्यां की सराहना की। इसी क्रम में शहर में श्रीराम बाजपेयी ने बाल सेवक दल की स्थापना की। इस दल के सक्रिय सदस्य टापर वाले बाबा जी, ठाकुर गंगा सिंह, राजाराम वाजपेयी व रामप्रसाद बिस्मिल आदि भी शामिल थे।
इलाहाबाद कुंभ मेला में बाजपेयी जी ने अपने दल के सौ सदस्यों के साथ पहुंचकर सेवाभाव से भीड़ काबू की, आग व डूब रहे लोगों को बचाया। इन समाजसेवी कार्यो से प्रसन्न होकर प्रांत शिक्षामंत्री सीवाई चिंतामणि ने 12 हजार की वार्षिक सहायता निर्धारित कर दी।
इधर, सन् 1921 में भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड चेम्स फोर्ड ने स्काउट गाइड जन्मदाता लार्ड बेडेन पावेल व उनकी पत्नी को भारतीय स्काउटिंग देखने आमंत्रित किया। इलाहाबाद में बाजपेयी की विशाल रैली व कार्यशैली देखकर वह अत्यंत प्रभावित हुए। इसके परिणामस्वरूप् प्रांतीय शिक्षा मंत्री से परामर्श कर भारत सरकार की ओर से इन्हें स्काउट मास्टर की शिक्षा पाने के लिए इंग्लैंड भेजा गया। इसके उपरांत श्रीराम जी ने फ्रांस, बेल्जियम, हालैंड, जर्मनी, इटली आदि देशों में भ्रमण स्काउट-गाइड में महारत हासिल की।
भारत स्काउट्स एवं गाइड्स अस्तित्व में आया …
7 नवंबर, 1950 को ब्वाय स्काउट इंडिया व हिंदुस्तान स्काउट एसोसिएशन का विलय हुआ और भारत स्काउट्स एवं गाइड्स अस्तित्व में आया। बाजपेयी जी इसके प्रथम राष्ट्रीय संगठन कमिश्नर तथा प्रथम राष्ट्रीय कैंप चीफ चुने गए। इन्होंने 1952 में स्काउट-गाइड कान्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें अंतरराष्ट्रीय डायरेक्टर डेम लेस्ले हवेटरी भारत आई। राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने इसका उदघाटन किया था।
बाजपेयी जी के प्रयास से प्रभावित होकर भारत स्काउट व गाइड ब्यूरो की मान्यता मिली। भारत का यह अनोखा समाजसेवी 16 अगस्त, 1955 को दुनिया से विदा हो गया।
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