तुर्किए और सीरिया में भीषण भूकंप के बाद मृतकों की संख्या 4300 से अधिक हो गई है। इन क्षेत्रों में हजारों लोग घायल हुए हैं जबकि सैकड़ों लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है। तुर्किए और सीरिया के शहरों में बचाव दल मलबों की तलाशी कर रहे हैं और माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
दोनों देशों में कल 7.8 तीव्रता का भूकंप उस समय आया जब सभी लोग सो रहे थे। 1939 के बाद तुर्किए में यह सबसे भयानक त्रासदी है। तुर्किए, सीरिया, लेबनान, साइप्रस और इजराइल में करोड़ो लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। सुदूर डेनमार्क और ग्रीनलैंड में भी इस शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए।
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में तलाशी अभियान और राहत कार्यों के लिए बहुत से देशों ने मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ और इजराइल सहित पूरे विश्व से सहायता की पेशकश की गई है।
भारत ने भूकंप से प्रभावित तुर्किए में राहत सामग्री की पहली खेप भेज दी है। इसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के तलाशी और राहत दल, विशेष रूप से प्रशिक्षित कुत्तों के दस्ते, चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति, खुदाई करने वाली मशीनें और अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट में कहा है कि भारत की मानवीय सहायता और आपदा राहत की क्षमता का उपयोग किया जा रहा है। सरकार ने कल भूकंप प्रभावित तुर्किए में राहत सामग्री के साथ तलाशी और राहत दलों को तत्काल भेजने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी के मिश्रा ने तुर्किए में भूकंप के बाद हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री के निर्देश पर शीघ्र उठाए जाने वाले राहत के कदमों के संबंध में एक बैठक की।