टीवी कंपनियां इसी महीने दाम बढ़ाने की सोच रही हैं। टीवी (TV) में इस्तेमाल होने वाले ओपन सेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के कारण कंपनियां दाम में इजाफे को तैयार हैं। कंपनियों का कहना है कि ओपन सेल एक बार फिर 3 से 20 फीसदी तक महंगे हो गए हैं और बड़े स्क्रीन वाले टीवी के लिए तो इसकी लागत और भी बढ़ गई है।
ओपन सेल टीवी बनाने में इस्तेमाल होने वाला सबसे अहम पुर्जा
ओपन सेल टीवी बनाने में इस्तेमाल होने वाला सबसे अहम पुर्जा है, जिसकी टीवी की लागत में 60 से 65 फीसदी हिस्सेदारी होती है। इस साल की शुरुआत से ही ओपन सेल के दाम बढ़ रहे हैं, जिससे कंपनियों को भी टीवी की कीमत बढ़ानी पड़ी हैं। जून तक ओपन सेल के दाम 15 से 17 फीसदी तक बढ़ चुके थे और अब इसमें एक बार फिर इजाफा हो गया है, जिससे कंपनियों पर बोझ बढ़ गया है। चीन में पैनल बनाने वाली 4-5 कंपनियों के एक साथ आने से कीमतें बढ़ रही हैं।
डिक्सन टेक्नोलॉजिज के प्रबंध निदेशक अतुल लाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ओपन सेल के दाम पहले भी थोड़े बढ़े थे और अब एक बार फिर यह 3 से 5 फीसदी महंगा हो गया है। कंपनी ठेके पर टीवी बनाती है, इसलिए वह बढ़ी लागत का पूरा बोझ ग्राहकों पर डाल रही है। लाल ने कहा कि महीने भर के अंदर ओपन सेल के दाम ठहरने की उम्मीद है।
कोडक ब्रांड के लाइसेंस वाली कंपनी सुपर प्लास्ट्रॉनिक्स भी अगस्त के अंत से टीवी के दाम 10 फीसदी बढ़ाने की तैयारी में है। कंपनी के निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अवनीत सिंह मारवाह ने कहा, ओपन सेल के लिए एक देश पर निर्भरता सबसे बड़ी समस्या है और इसे बनाने में चार कंपनियों का दबदबा है, जिससे दाम बढ़ रहे हैं।श्
ओपन सेल के हर महीने बढ़ रहे दाम
उन्होंने कहा, श्टीवी उद्योग को कीमतों में ऐसी बढ़ोतरी का सामना अक्सर करना पड़ेगा क्योंकि पूरा उद्योग पेनल के लिए एक ही देश पर निर्भर है।श् मारवाह ने कहा कि ओपन सेल के दाम हर महीने 10 से 20 फीसदी तक बढ़ रहे हैं।
वीडियोटेक्स इंटरनेशनल के निदेशक अर्जुन बजाज ने कहा कि पिछले 6 महीने में पेनल के दाम 50 से 70 फीसदी बढ़े हैं और 6 से 10 फीसदी वृद्धि तो पिछले महीने ही हुई है। वीडियोटेक्स भारत की अग्रणी मूल उपकरण विनिर्माता और मूल डिजाइन विनिर्माता कंपनी है, जो लॉयड, रियलमी, तोशिबा, ह्युंडे, बीपीएल, वाइज, दाइवा आदि के लिए स्मार्ट टीवी बनाती है।
बजाज ने कहा कि उत्पादन लागत बढ़ने से तैयार उत्पाद के दाम भी बढ़ रहे हैं। टीवी के दाम स्क्रीन के आकार के मुताबिक कम से कम 5 से 10 फीसदी बढ़ सकते हैं। उत्पादन लागत में बढ़ोतरी की चुनोती से निपटने के लिए वीडियोटेक्स इंटरनेशनल ने कई उपाय भी किए हैं।